जिले में सिविल डिफेंस का नामांकन शुरू : घबराएं नहीं, बल्कि मौजूदा हालात को देखते हुए सतर्क रहें – डिप्टी कमिश्नर
होशियारपुर, 9 मई : डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे सीमा पर मौजूदा हालात को देखते हुए घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन हर स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और सेना व वायुसेना के साथ लगातार समन्वय बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में हर नागरिक को सतर्क व जिम्मेदाराना भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिन में भी अत्यधिक सावधानी बरती जाए और जितना संभव हो सके, घर के अंदर ही रहें। सार्वजनिक समारोहों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने जिले के मैरिज पैलेस व बैंक्वेट हॉल के मालिकों से भी अपील की है कि वे अपने ग्राहकों को कम से कम लोगों के एकत्र होने के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जिले में सिविल डिफेंस का नामांकन शुरू कर दिया गया है और यह नामांकन प्रत्येक एसडीएम कार्यालय में किया जा सकता है, जिनके पते और फोन नंबर जल्द ही साझा किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिले के एनजीओ, एनसीसी, सिविल डिफेंस के सदस्य, स्कूल/कॉलेजों के विद्यार्थी विभिन्न सेवाओं के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि खतरे का कोई भी संकेत मिलने पर ब्लैकआउट कर दिया जाएगा। इसलिए प्रत्येक नागरिक को इस संबंध में कुछ आवश्यक निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने अपील की कि ब्लैकआउट न होने पर भी रात के समय कोई भी अनावश्यक लाइट न जलाएं।
ब्लैकआउट प्रोटोकॉल दिशा-निर्देशों को साझा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि सायरन का मतलब वास्तविक खतरा होता है और रात के समय बिजली गुल होना भी खतरे का संकेत माना जाना चाहिए। इसलिए खतरे का संकेत मिलने पर तुरंत सभी लाइटें बंद कर दें। इसमें मेन लाइट, इन्वर्टर लाइट और बाहर से दिखाई देने वाली किसी भी प्रकार की लाइट शामिल है। बिजली बंद होने पर इन्वर्टर या जनरेटर से भी कोई लाइट न जलाएं। खिड़कियों पर पर्दे लगाकर रखें और अंदर से कोई रोशनी बाहर न आने दें। अपने फोन को पहले से चार्ज करके रखें।
जब ब्लैकआउट हो या खतरे का संदेश मिले तो तुरंत पास की बिल्डिंग में शरण लें। अगर बिल्डिंग बहुमंजिला है तो निचली मंजिल पर आ जाएं। बिल्डिंग के अंदर भी किसी कोने में शरण लें। खिड़कियों के पास न जाएं। अगर आस-पास कोई बिल्डिंग न हो तो किसी पेड़ के नीचे शरण लें। अगर पेड़ न हो तो छाती के बल लेट जाएं और कोहनियां जमीन पर टिका लें और हाथों की अंगुलियों से कान बंद कर लें। अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो गाड़ी को साइड में रोक दें और गाड़ी के नीचे जाकर लाइट बंद कर दें। ऊपर बताए अनुसार पास की बिल्डिंग में या पेड़ के नीचे या खुले में लेट जाएं। खतरे का अलर्ट खत्म होने तक बिल्डिंग से बाहर न निकलें।
अगर आपको ड्रोन या कोई उड़ती हुई वस्तु दिखे तो इसकी सूचना जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के फोन नंबर 01882-220412 पर दें, लेकिन ऐसी चीजों की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी न करें, क्योंकि ऐसा करते समय आपके मोबाइल स्क्रीन की लाइट आपको खतरे में डाल सकती है। ब्लैकआउट के दौरान अपने घरों से बाहर न निकलें और न ही छतों पर जाएं। उन्होंने यह भी अपील की कि रात में सोलर लाइट भी बंद रखें।
ये काम नहीं करने चाहिए:-
कोई भी लाइट न जलाएं, छोटी से छोटी लाइट या स्क्रीन की चमक भी छिपाएं। सायरन बजने के बाद कोई भी वाहन या पैदल यात्री न चलें। जहां हैं वहीं रुक जाएं। कोई भी खिड़की या दरवाजा न खोलें। बाहर लाइट जलाना सख्त मना है। इसे महज संयोग न समझें। अब हर सायरन वास्तविक खतरे का संकेत है। अफवाह न फैलाएं और न ही उस पर विश्वास करें। केवल सरकारी निर्देशों पर ही भरोसा करें।