एएम नाथ। शिमला : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि ‘मन की बात’दुनिया का सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम है। जिसका इंतज़ार देश भर के लोग बेसब्री से करते हैं। यह कार्यक्रम देशवासियों में एक प्रेरणा का संचार करता है। इस बार के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को संदेश दिया है कि भारत को हर क्षेत्र में लीडर बनने पर विचार करना चाहिए। अंतरिक्ष से लेकर डीप-टेक और एआई तक, हमारे युवाओं को विज्ञान को एक विषय के रूप में नहीं बल्कि, एक मिशन के रूप में देखना चाहिए। भारत जिस तरह से विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, उससे साफ़ है कि आने वाली सदी हमारी है। इसरो ने अपना सौवाँ मिशन लांच किया। यह एक नम्बर भर नहीं हैं, यह आने वाले समय में अंतरिक्ष में भारत की लंबी छलांग का एक अहम पड़ाव है। अंतरिक्ष के अनुसंधान में भारत ने समय-समय पर देश ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, इसके पीछे प्रधानमंत्री की प्रेरणा और हर संभव सहयोग है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यह बातचीत आशा और सकारात्मकता का संवाद है जो भारत की सामूहिक शक्ति को दर्शाता है। शोध संस्थानों का दौरा करके विज्ञान को एक दिन समर्पित करने का प्रधानमंत्री मोदी का आह्वान हमारे राष्ट्रीय चरित्र में नवाचार को शामिल करने की दिशा में एक कदम है। परीक्षा पर चर्चा देश की एक अनूठी पहल है जो हमारे युवाओं को परीक्षा के तनाव से मुक्ति दिलाने में बेहद कारगर साबित हुई। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। इस साल के ‘मन की बात’ का यह संस्करण परीक्षाओं से आगे बढ़कर स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, एआई और छात्रों के समग्र विकास पर भी केंद्रित रहा। प्रधानमंत्री का यह संदेश हमारे परीक्षा योद्धाओं में आत्मविश्वास भरेगा, जिससे तनाव मुक्त, निडर मानसिकता सुनिश्चित होगी। प्रधानमंत्री ने भारत की बढ़ती खेल प्रतिभा के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री सिर्फ बात नहीं करते हैं काम करते हैं। खेलो इंडिया के ज़रिए उन्होंने देश में एक नई खेल संस्कृति को विकसित किया है। जिसने खिलाड़ियों में सिर्फ़ मेडल की भूख ही नहीं बढ़ाई बल्कि उनमें कामयाब होने का विश्वास भी भरा है। खेल शरीर को भी स्वस्थ रखता है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने फिटनेस को राष्ट्रीय शक्ति से जोड़ा। स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क का निवास है। उनके आह्वाहन पर हमें मोटापे के खिलाफ लड़ाई को एक आंदोलन बनना चाहिए, जिसमें छोटे-छोटे कदम एक स्वस्थ भारत की ओर ले जा सकते हैं। स्वास्थ्य मानव जीवन की सबसे अमूल्य पूंजी हैं। इसके साथ ही अपने सोशल मीडिया को नारी शक्ति को सौंपने का उनका फैसला सराहनीय है, यह नारी सशक्तिकरण की वास्तविक मिसाल है।