चंडीगढ़, 27 मई: चंडीगढ़ संसदीय क्षेत्र से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार मनीष तिवारी ने अपने घोषणापत्र में किए गए भारतीय जनता पार्टी के दावों की धज्जियां उड़ाते हुए कहा है कि यह नई बोतलों में पुरानी शराब जैसा मामला है, जिनका घोषणापत्र केवल पुराने अधूरे वादों को दोबारा पैक करके पेश करने के समान है।
उन्होंने कहा कि भाजपा दस साल तक सत्ता में थी। इसलिए भाजपा को घोषणापत्र के साथ-साथ दस साल की बैलेंस शीट भी सामने लानी चाहिए थी, जो जाहिर तौर पर वह नहीं कर सकी, क्योंकि उसके पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है।
यहां बटरेला इलाके में अपनी पदयात्रा के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए, तिवारी ने कल जारी किए गए भाजपा के घोषणापत्र पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उनके द्वारा टिप्पणी करने से पहले चंडीगढ़ के लोगों ने इसे खारिज कर दिया है, जिन्होंने मौजूदा घोषणा पत्र में दोबारा दोहराए गए अधूरे वादों पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2019 के अपने घोषणा पत्र में चंडीगढ़ में ‘मोनो रेल’ का वादा किया था। तिवारी ने बताया कि न तो वहां मोनो रेल आई है और न ही मेट्रो परियोजना पर कोई प्रगति हुई है, जिसके परिणामस्वरूप शहर की सड़कें भारी यातायात के कारण जाम रहती हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने हाउसिंग बोर्ड के आवंटित यूनिटों में आवश्यकता आधारित बदलावों को नियमित करने का वादा किया था। इसके विपरीत, हाउसिंग बोर्ड ने छोटे-छोटे बदलावों के लिए भी कठोर नोटिस जारी किए गए, कभी-कभी लाखों रुपये का जुर्माना लगाया गया, घरों को तोड़ने के लिए बुलडोजर लाए गए और कभी-कभी गरीब लोगों को उनके घरों से बेदखल भी किया गया।
इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार ने सामान्य पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर मालिकाना हक देने के भाजपा के वादे का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह यह वादा भी कागजों पर ही सिमट कर रह गया है।
इसी तरह, चंडीगढ़ में 24 घंटे पानी की आपूर्ति के भाजपा के वादे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, यही वादा 2019 में भी किया गया था। वादा पूरा नहीं किया गया, बल्कि टैरिफ में भी बेतहाशा वृद्धि जरूर की गई।
तिवारी ने कहा कि जैसे भाजपा ने मौजूदा घोषणापत्र में ड्डू माजरा कूड़ाघर हटाने का वादा किया है, जो वायदा 2019 में भी किया था। अगर वे पांच साल में कुछ नहीं कर सके, तो अगले पांच साल में उनसे क्या करने की उम्मीद की जा सकती है।
इसी तरह, उन्होंने शहर में पार्किंग, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार और शहर में बूथों पर अतिरिक्त मंजिल बनाने की अनुमति के मुद्दे का भी जिक्र किया। लेकिन सच्चाई यह है कि तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष टंडन और सांसद किरण खेर बूथों और अन्य व्यावसायिक भवनों से किए गए अपने वादे भूल गए।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने वादा किया था कि गांवों में लाल डोरा की सीमा का विस्तार किया जाएगा, लाल डोरा के बाहर बने घरों को नियमित किया जाएगा, फिरनी कानून को खत्म किया जाएगा और लोगों को उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन, यह वादा भी अधूरा है।