चंडीगढ़ : पंजाब 26 जनवरी को कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की जेल से रिहा किए जाने संबंधी फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जेल विभाग को तकनीकी कारणों से लौटाने के बाद अब विभाग के एडीजीपी ने नए सिरे से जो फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी है, उनमें से उम्र कैदियों की रिहाई के आदेश तो जारी हो गए हैं लेकिन सिद्धू समेत तीन अन्य कैदी (जिन्हें कम से कम एक साल की सजा हुई है) की रिहाई संबंधी फाइल पर अभी तक मुख्यमंत्री की मुहर नहीं लगी है।
नवजोत सिद्धू को केंद्र सरकार की ‘आजादी का महोत्सव’ के तहत बनी नीति के तहत अन्य कैदियों के साथ 26 जनवरी को रिहा किया जाना था, लेकिन जेल विभाग ने ऐसे कैदियों की एक सूची ही मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी, जबकि प्रत्येक ऐसे कैदी के बारे में अलग-अलग फाइल भेजना जरूरी था। इस तकनीकी गड़बड़ी के चलते फाइल विभाग को लौटा दी गई और सिद्धू की रिहाई नहीं हो सकी। केंद्र की नीति के अनुसार, ऐसे कैदी जिन्हें एक साल से अधिक सजा नहीं हुई, उनका आचरण अच्छा रहा हो और वह अपनी 66 फीसदी सजा पूरी कर चुका हो, तो उसे 26 जनवरी को रिहा किया जा सकता है। नवजोत सिद्धू का केस, इस नीति के तहत पूरी तरह खरा उतरता था और उनकी रिहाई तय मानी जा रही थी।
जानकारी के अनुसार, एडीजीपी (जेल) द्वारा सिरे से भेजी फाइल पर मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श के बाद पांच उम्र कैदियों की रिहाई का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में पारित किया लेकिन उन्होंने नवजोत सिद्धू और दो अन्य कैदियों की रिहाई संबंधी फाइल को फिलहाल अपने पास ही रखा है और उस पर फैसला नहीं लिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी का कहना है कि यह मामला मुख्यमंत्री के विचाराधीन है। मुख्यमंत्री इस पर कब फैसला लेंगे, यह उनके विवेक पर निर्भर है और इसकी कोई समय सीमा नहीं है।
नवजोत सिंह सिद्धू की जेल से रिहाई की फाइल : एडीजीपी ने नए सिरे से जो फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी
Feb 08, 2023