कैबिनेट मंत्री, सांसद, डिप्टी स्पीकर व विधायकों के नेतृत्व में हुए जागरूकता समागम
होशियारपुर, 18 मई: ,: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा नशे के खात्मे के लिए चलाए जा रहे राज्यव्यापी अभियान के तहत रविवार को होशियारपुर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में नशा मुक्ति यात्राओं का आयोजन किया गया। यह यात्राएं जिले के 21 गांवों में निकाली गईं, जिनमें स्थानीय विधायकों, प्रशासनिक अधिकारियों, सामाजिक संगठनों, युवाओं और नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

शामचौरासी विधानसभा क्षेत्र में कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत सिंह के नेतृत्व में बुल्लोवाल, फतोवाल और पथियालियां गांवों में नशा विरोधी जागरूकता रैली निकाली गई।
चब्बेवाल क्षेत्र में सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल और विधायक डॉ. इशांक ने भूंगरनी, हेरियां और पंडोरी कद्द गांवों में यात्राओं का नेतृत्व किया।
गढ़शंकर में डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रौड़ी ने डगाम, देनोवाल कलां और फतेहपुर कलां गांवों में लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया।
होशियारपुर में विधायक ब्रम शंकर जिम्पा के नेतृत्व में बसी दौलत खां, नारू नंगल और कौंडला गांवों में रैली आयोजित की गई।

टांडा क्षेत्र में विधायक जसवीर सिंह राजा गिल ने पट्टी तलवंडी सल्ला, तलवंडी डड्डीयां और शहबाजपुर गांवों में अभियान चलाया।
दसूहा में विधायक कर्मबीर सिंह घुम्मण ने चंडीदास, कोलोवाल और जलोटा गांवों में नशा मुक्ति यात्राएं निकाली।
मुकेरियां क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्र इंचार्ज प्रो. जी.एस. मुल्तानी ने दोलोवाल, जमालपुर और कमालपुर गांवों में रैली का संचालन किया।
सभी जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि नशा पंजाब की जड़ों को खोखला कर रहा है और इससे लड़ाई केवल सरकार नहीं, बल्कि पूरे समाज को मिलकर लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से पीड़ित युवाओं को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रही है।
सरकार का उद्देश्य है कि इस तरह की निरंतर जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से पंजाब को नशामुक्त और स्वस्थ समाज की दिशा में अग्रसर किया जाए।

कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने कहा कि यह सिर्फ एक समागम नहीं, बल्कि नशे के खिलाफ जनआंदोलन है। हम हर गांव, हर गली में जाकर युवाओं को जागरूक करेंगे कि उनका असली भविष्य खेल, शिक्षा और रोजगार में है, न कि नशे की दलदल में।
इस दौरान हर गांव में लोगों ने हाथों में बैनर और तख्तियां लेकर नारे लगाए। युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नागरिकों की सक्रिय भागीदारी ने इन यात्राओं को जनांदोलन का रूप दे दिया