“होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : निक्कियाँ करूंबलां” बाल पत्रिका को होशियारपुर ज़िले की ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए ज़िला भाषा और अनुसंधान अधिकारी डॉ. जसवंत राय ने इसके नवीनतम अंक का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका पिछले तीन दशकों से लगातार पंजाबी भाषा में प्रकाशित हो रही है और यह इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुकी है। आज के समय में पंजाबी भाषा में बच्चों के लिए निजी क्षेत्र की ऐसी कोई और पत्रिका नहीं है जो इतने लंबे समय से लगातार प्रकाशित हो रही हो।
उन्होंने बताया कि शिरोमणि पंजाबी बाल साहित्यकार बलजिंदर मान ने इस पत्रिका को देश-विदेश में लोकप्रिय बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की है। यह पत्रिका अब इंटरनेट पर www.nikkiankarumblan.com के माध्यम से भी नि:शुल्क उपलब्ध है और यह बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों की पसंदीदा पत्रिका बन चुकी है।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पंजाब भवन सरी के संस्थापक सुखी बाठ ने कहा कि बलजिंदर मान जैसे योद्धा, जो पंजाबी भाषा के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं, हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने करूंबलां परिवार को बधाई देते हुए कहा कि निस्वार्थ भावना से किए गए कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाते।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे “नई कलमें, नई उड़ान” प्रोजेक्ट के इंचार्ज उंकार सिंह तेजे, राज्य पुरस्कार विजेता नितिन सुमन, अजय कुमार खटकड़, युवा पुरस्कार विजेता वंधना हीर, अंजू व रत्ती, डॉ. केवल राम, प्रदीप सिंह मौजी, रामतीर्थ परमार, जसवीर सिद्धू, हरजिंदर सिंह निआणा आदि ने पत्रिका की समीक्षा करते हुए कहा कि इसके एक अंक में कविताओं, कहानियों और लेखों के रूप में तीन पुस्तकें समाहित होती हैं। इसके अतिरिक्त, मनोरंजनपूर्ण रचनाएँ बच्चों की सोचने और समझने की शक्ति को भी प्रफुल्लित करती हैं।
निक्कियाँ करूंबलां प्रकाशन द्वारा छात्र साहित्यकारों की एक नर्सरी तैयार की जा रही है, जो विभिन्न प्रतियोगिताओं में शानदार उपलब्धियाँ हासिल कर रही है। वक्ताओं ने यह भी खुशी व्यक्त की कि इस पत्रिका के पाठक छात्र न केवल शैक्षणिक बल्कि कलात्मक क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रकार, यह पत्रिका विद्यार्थियों के जीवन को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
साहित्यकार और चित्रकार सुखमन सिंह और कमलजीत नीलों जैसे लोग इसकी प्रस्तुतिकरण को आकर्षक बनाने में सहयोग दे रहे हैं। इस अवसर पर चैंचल सिंह बैस, बग्गा सिंह आर्टिस्ट, केवल कौर, गीतांजलि, सत प्रकाश, शमा रानी, परमिला देवी, अरविंदर कौर, सरबजीत कौर, बंधना सैनी, योगेश कौल योगी, देश राज, मखण बखलौर, सुरिंदर कौर, मनजिंदर कुमार, रमनजोत कौर सिद्धू रावी, कमलेश कौर सिद्धू, दलजीत कौर, हरवीर मान, सिमरत कौर सहित कई साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।
बलजिंदर मान ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अपने भीतर के बचपन को कभी खोने न दें। बच्चों को खुशियाँ देकर जो आनंद प्राप्त होता है, वह किसी और तरीके से नहीं मिल सकता।