निर्दलीय विधायक बन सकते हिमाचल की सत्ता के किंगमेकर : चुनाव परिणाम घोषणा से पहली बढ़ी राजनीतिक हलचल

by

विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। इस बार के चुनाव में निर्दलीय विधायक अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि एग्जिट पोल में निर्दलीय विधायकों को 1 से 5 सीटें मिल रही हैं। यदि निर्दलीय जीतते हैं तो प्रदेश की राजनीति में उनकी भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। हिमाचल में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को कम से कम 35 विधायकों का समर्थन चाहिए, लेकिन सोमवार को जारी एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों के मुताबिक कांटे की टक्कर की स्थिति में कांग्रेस और भाजपा इस जादुई आंकड़े को प्राप्त करने में चुनौती का सामना कर सकते हैं। ऐसे में इसी बीच निर्दलीय प्रत्याशियों ने दावा किया है कि दोनों मुख्य पार्टियों की ओर से उनसे संपर्क किया जा रहा है।
दोनों पार्टियों ने किया संपर्क, दोनों कर रही स्पष्ट बहुमत के दावे

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलेगा और वे सरकार बनाएंगे। निर्दलियों का स्वागत है। अगर वे सरकार से जुड़ना चाहते हैं। सामान्य प्रक्रिया के तहत बाकी निर्दलीय प्रत्याशी संपर्क में हैं। उधर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने दावा किया कि कांग्रेस बहुमत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी निर्दलीय प्रत्याशियों के संपर्क में है। निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों से दोनों दलों ने संपर्क साध रहे है, लेकिन निर्दलीय अपने पत्ते आधिकारिक रूप से नतीजे घोषित होने के बाद ही खोलेंगे। दोनों पार्टियां स्पष्ट बहुमत हासिल करने का दावा तो कर रही हैं। लेकिन दोनों पार्टियों को अंदर खाते डर भी सता रहा है। लिहाजा जीतने की संभावना वाले निर्दलीयों पर को अपनी और करने में जुटे है।

दोनों पार्टियां पहले भी निर्दलीय विधायकों से मदद से बना चुकी हैं सरकार :
हिमाचल में पूर्व के कई चुनावों में भी निर्दलीय विधायकों ने अहम भूमिका निभाई थी। साल 1982 में कांग्रेस ने 68 सदस्यीय विधानसभा में 31 सीटें हासिल की थीं और निर्दलीयों की मदद से सरकार बनाई थी। उक्त चुनाव में बीजेपी और जनता दल को क्रमश 29 और 2 सीटों पर जीत मिली थी और 6 सीटें निर्दलियों को मिली थीं। साल 1998 में पहली बार निर्दलीय विधायक जीते रमेश धवाला के पाला बदलने से प्रदेश में सरकार बदल गई थी। सबसे ज्यादा 32 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने रमेश धवाला को साथ लेकर सरकार बना ली थी। साल 1998 में 65 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव हुआ। बीजेपी ने 29 व कांग्रेस ने 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
हिमाचल प्रदेश

33 पंचायतों को एडीसी ने किया सम्मानित, 21 का नेतृत्व कर रही महिलाएं : स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2023 के तहत अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित

कांगड़ा , 18 सितम्बर। घर ही नहीं, पंचायतों को स्वच्छ रखने में भी महिलाएं कोसों आगे हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण के अंतर्गत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2023 में जिला कांगड़ा की...
article-image
दिल्ली , पंजाब , राष्ट्रीय , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश

कांग्रेस को शून्य वोट – गांव वालों ने पूछा हमने तो दिया था : रागिनी नायक ने वीडियो शेयर कर किया दावा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस की उम्मीदों के मुताबिक बिल्कुल नहीं रहे. राज्य की 288 सीटों में से पार्टी को महज 16 सीटों पर मिली जीत से ही संतोष करना पड़ा. कांग्रेस के...
पंजाब , हिमाचल प्रदेश

जवाहर नवोदय विद्यालय ने छठी कक्षा के दाखिले के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन की तिथि 8 फरवरी तक बढ़ाई

विद्यार्थी विद्यालय की वैबसाइट www.navodaya.gov.in पर करवा सकते हैं आनलाइन रजिस्ट्रेशन होशियारपुर, 31 जनवरी: जवाहर नवोदय विद्यालय फलाही की प्रिंसिपल रंजू दुग्गल ने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय फलाही में छठी कक्षा में दाखिला...
article-image
पंजाब , हिमाचल प्रदेश

विधानसभा अध्यक्ष ने की स्व. श्री केवल सिंह पठानिया के परिजनों से मुलाकात

एएम नाथ। चम्बा :  हिमाचल प्रदेश विधानसभा के माननीय अध्यक्ष आदरणीय श्री कुलदीप सिंह पठानिया जी ने पूर्व मंत्री स्वर्गीय श्री केवल सिंह पठानिया के गांव बासा बजीरा पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात कर...
Translate »
error: Content is protected !!