चंडीगढ़ :पंजाब में अगले महीने यानी सितंबर में पंचायत चुनाव होंगे। चुनाव कराने का निर्देश देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट को विश्वास दिलाया है कि सितंबर तक चुनाव संपन्न करवा दिए जाएंगे। सरकार की दी गई इस जानकारी को आधार बनाकर हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। अन्य मामले में नगर निगमों व परिषदों के चुनाव करवाने की मांग पर पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए मोहलत मांगी है।
याचिका दाखिल करते हुए रुलदा सिंह ने हाईकोर्ट को बताया था कि गत वर्ष पंजाब सरकार ने अधिसूचना जारी कर दिसंबर 2023 में पंचायत चुनाव तय किए थे। अधिसूचना के बावजूद चुनाव संपन्न नहीं करवाए गए हैं। चुनाव न कराना संविधान के अनुच्छेद 243 का उल्लंघन है। पंजाब सरकार ने गत वर्ष अगस्त में पंचायतों को भंग करने का आदेश जारी कर दिया था। इसका विरोध करते हुए सरपंचों ने कहा था कि समय से पहले पंचायतें भंग कर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। मामला हाईकोर्ट पहुंचा था और फिर बाद में पंचायतों को बहाल करने का सरकार ने फैसला किया था।
इसके बाद दिसंबर 2023 में पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया और इन पंचायतों की जिम्मेदारी डीसी को दे दी गई। याची ने कहा कि अब काफी समय बीत गया है बावजूद इसके चुनाव नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते विकास कार्य रुक गए हैं। मई तक लोकसभा चुनाव होने के चलते पंचायत चुनाव का जोखिम न लेने की दलील समझ आती है, लेकिन अब भी चुनाव न करवाना ठीक नहीं है। हाईकोर्ट में पंजाब सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पेश हुए और उन्होंने विश्वास दिलाया कि सितंबर तक चुनाव संपन्न करवा लिए जाएंगे। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
नगर निगमों और नगर परिषदों के चुनाव करवाने सबंधी तीन सप्ताह में सौंपेंगे जवाब : दूसरी तरफ पंजाब के नगर निगमों और नगर परिषदों के चुनाव करवाने की मांग को लेकर दाखिल दो अन्य याचिकाओं पर सरकार ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है। पंजाब सरकार ने पंजाब की 42 म्युनिसिपल काउंसिल व कमेटी के चुनाव कराने की मांग की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया कि वार्डबंदी को लेकर कुछ मामले सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।