ऊना, 20 सितंबर. उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने पंचायत प्रतिनिधियों से अपने क्षेत्र में विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पंचायतें ग्रामीण विकास की धुरी हैं, और उन्हें सरकार की योजनाओं और नीतियों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए पूरी जानकारी और तत्परता से काम करना चाहिए। ये विचार उन्होंने गुरुवार को गगरेट और हरोली ब्लॉक के पंचायत प्रतिनिधियों के लिए ऊना में आयोजित रिफ्रेशर ट्रेनिंग कार्यक्रम में व्यक्त किए। उपायुक्त ने आह्वान किया कि सभी पंचायत प्रतिनिधि योजनाओं की गहरी समझ विकसित करें ताकि अधिक से अधिक लोग इनसे लाभान्वित हो सकें और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सके।
उपायुक्त ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य पंचायत प्रतिनिधियों को राज्य सरकार और जिला प्रशासन की योजनाओं से अवगत कराना है, ताकि वे इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू कर सकें। प्रशिक्षण के दौरान, प्रतिनिधियों को विकास कार्यों में आने वाली समस्याओं के व्यावहारिक समाधान से अवगत कराया गया। इसके साथ ही, उन्हें पॉक्सो एक्ट और पोश अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी दी गई, ताकि वे अपने क्षेत्र में बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
कार्यक्रम में, उपायुक्त ने जिला प्रशासन की ओर से संचालित सामर्थ्य कार्यक्रम के बारे में भी पंचायत प्रतिनिधियों को जानकारी दी, जिससे गरीब परिवारों के बच्चे योजना का लाभ उठाकर अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें। इसके अलावा, ‘एक पौधा मां के नाम’ मुहिम के तहत आंवला के पौधे वितरित किए गए और पंचायतों को पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करने के लिए प्रेरित किया गया।
उपायुक्त ने ऊना जिला को कचरा मुक्त बनाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को जिला प्रशासन की ‘उज्ज्वल ऊना’ मुहिम की जानकारी भी दी और पंचायत क्षेत्रों में स्वच्छता और कचरा मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने पंचायत स्तर पर खेल आयोजनों को बढ़ावा देने पर जोर दिया, ताकि युवाओं को नशे से दूर रखते हुए उनकी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग किया जा सके।
इस कार्यशाला में जिला पंचायत अधिकारी नीलम कटोच, जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार, तहसील कल्याण अधिकारी जतिंद्र शर्मा, डॉ. बलदेव डोगरा, और गगरेट व हरोली ब्लॉक के पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।