चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने प्रदेश में शराब की बिक्री तथा कीमत तय करने की जिम्मेदारी आम लोगों व हिस्सेदारों पर छोड़ दी है। ‘आप’ सरकार ने 1 जुलाई से लागू होने वाली वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति बनाते हुए आम लोगों के अलावा संबंधित हिस्सेदारों से सुझाव मांगे हैं। यह सुझाव अगले 15 दिनों में ई-मेल तथा फोन द्वारा दिए जा सकते हैं।
वर्णनीय है कि पंजाब में अब तक बनी सरकारों द्वारा जो भी आबकारी नीति लागू की गई है, वह इस प्रदेश में सरकारी खजाने को सबसे अधिक शराब से भरने में असफल रही है। पंजाब के आबकारी कमिश्नर रजत अग्रवाल ने बताया कि आबकारी नीति की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसको और खुशहाल बनाने के लिए आम लोगों समेत सभी हिस्सेदारों से सुझाव मांगे गए हैं।
दिलचस्पी रखने वाले व्यक्ति अपने विचार या सुझाव रुप में नवदीप भिंडर, अतिरिक्त कमिश्नर (आबकारी) भूपेन्द्रा रोड, पटियाला को डाक द्वारा या ईमेल addletcex@punjab.gov.in पर 15 अप्रैल से पहले भेज सकते हैं। सुझाव देने के लिए लोग अतिरिक्त कमिश्नर (आबकारी) पंजाब को भी मिल सकते हैं, जिनका मोबाइल नंबर 9875961101 भी जारी किया गया है।
दिल्ली सरकार की नीति को अपनाया जा सकता : नई आबकारी नीति को अंतिम रुप देने से पहले अन्य प्रांतों की नीतियों का अध्ययन भी शुरु कर दिया गया है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार शराब की बिक्री से सबसे अधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए पंजाब सरकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार की नीति अपनाए तो व्यापार को आसानी हो। बिचौलियों की धड़ेबंदी खत्म हो तथा बड़े-बड़ों का एकाधिकार खत्म हो सके। दिल्ली में प्रदेश सरकार द्वारा शराब की बिक्री की जाती है, जिससे सारी आमदन सीधी सरकार के खजाने में जाती है।
कैप्टन सरकार ने अध्यान के बाद ठंडे बसते में डाले थे सुझाब : कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार ने अपने कैबिनेट मंत्रियों की एक टीम तामिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश समेत उन प्रांतों के दौरे पर भी भेजी थी, जहां प्रदेश सरकार द्वारा आबकारी नीति के तहत शराब बेची जाती है। कैबिनेट मंत्रियों की टीम ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी पर इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था