कैथल। इंडियन नेशनल लोकदल ने पंजाब सरकार की ओर से हरियाणा का पानी कम किए जाने पर प्रदर्शन किया। लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल मार्च करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और सीटीएम गुरविंद्र सिंह को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
कार्यकर्ताओं ने विरोध में पंजाब सरकार की प्रतीकात्मक शवयात्रा भी निकली। इससे पहले इनेलो कार्यकर्ता जवाहर पार्क में एकत्रित हुए। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने भाग लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नाम के मटके भी फोड़े।
रामपाल माजरा ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार की पंजाब से जड़े उखड़ती हुई दिख गई हैं। दिल्ली में लोगों ने इसका सफाया कर दिया है। अब पंजाब से भी इस पार्टी को अपना सूपड़ा साफ होता दिख रहा है तो लोगों की भावनाओं का फायदा उठाने की फिराक में आम आदमी पार्टी ने अब संघीय ढांचे को नकार कर अराजकता फैलाने का काम किया है।
पंजाब पर लगाए मनमानी के आरोप
माजरा ने कहा कि सबसे पहले 29 जनवरी 1955 को सबसे पहला पानी बंटवारे का समझौता हुआ। इसके बाद श्रीराम कमेटी की सिफारिशों पर समझौता हुआ। इसके बाद 1971 में तत्कालीन योजना मंत्री दुर्गा प्रसाद धर की अध्यक्षता में कमेटी बनी और उसकी सिफारिशें पर समझौता हुआ।
इसके बाद भारत सरकार ने 1976 में पानी बांटा। इसके बाद वधवा कमेटी की सिफारिश पर समझौता हुआ। इसके बाद 31 दिसंबर 1981 को भारत सरकार ने समझौता करवाया। इसके बाद 30 जनवरी 1987 को न्यायमूर्ति बीबी इराडी ने फैसला दिया।
इसके बाद 2002, 2004, 2016 में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले आए। इन सभी समझौतों व फैसलों में हरियाणा को उसका पानी देने की बात कही गई, लेकिन पंजाब ने इन किसी भी फैसलों व समझौतों को लागू नहीं किया। पिछले माह बीबीएमबी की तकनीकी कमेटी ने फैसला दिया कि हरियाणा सरकार द्वारा पानी छोड़ा जाना है, वह भी पंजाब ने नहीं माना। इसके बाद 30 अप्रैल को बीबीएमबी ने फैसला दिया, वह भी नहीं माना। दो अप्रैल को हुई बैठक में पंजाब के अधिकारी आए ही नहीं।
पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू हो- इनेलो
माजरा ने कहा कि इनेलो हरियाणा के किसानों के लिए किसी भी स्तर तक लड़ाई लड़ेगा। पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ने भी जल युद्ध किया था। इसके बाद अभय सिंह चौटाला ने भी एसवाईएल के पानी के लिए लगातार संघर्ष किया है। इनेलो ने केंद्र सरकार से मांग की कि पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और बीबीएमबी के फैसले के अनुसार हरियाणा को उसके हक का पानी दिया जाए।
प्रदर्शनकारियों में इनेलो जिलाध्यक्ष अनिल तंवर, शशी वालिया, रामप्रकाश गोगी, राजा राम माजरा, जिलाध्यक्ष महिला सैल पूनम सुल्तानियां, जसमेर तितरम, पप्पू, मोनी बालू, इंद्र पाई, सुरजीत पबनावा, महाबीर पट्टी अफगान, हलकाध्यक्ष रोहित कुंडू कैलरम, सलिंद्र राणा, सोनू वर्मा, पवन ढुल, भूपेंद्र जैलदार, राजेश प्यौदा, काला प्यौदा, शहरी अध्यक्ष सतीश गर्ग, प्रदीप सिंहमार उपस्थित थे।