चंडीगढ़ :1 अगस्त: राज्य सभा मैंबर राघव चड्ढा को एडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन नियुक्त करने पंजाब सरकार बुरी तरीके से घिरती हुई नजर आ रही है। राघव चड्ढा की नियुक्ति पंजाब सरकार के लिए गले की हड्डी बन गई है। राघव चड्ढा को सलाहकार कमेटी के चेयरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित पटीशन पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान तिखी बहस हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि नोटिफिकेशन कहां है।
पंजाब सरकार की करफ से पेश हुए एडवोकेट ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का फैसला है तथा इस संबंधी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। कैबिनेट ने इस नियुक्ति को मंजूरी दी हुई है। पटीशनकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि यह महज एक पत्र है, जिसमें कोई तारीख या कुछ और नहीं है।
पंजाब सरकार ने कहा कि पटीशनकर्ता उस समय अदालत में पहुंचे जब सरकार सभी रस्में कर रही थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार एक रुपया तक खर्च नहीं रही। इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि यह संविधान के साथ धोखा नहीं है कि एक ऐसे व्यक्ति को शक्तियां दे दी गईं हैं जो सरकार चलाएगा। इस उपरांत चीफ जस्टिस ने कहा कि इस सब की क्या जरुरत थी।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव क्यों करवाए गए हैं यदि ऐसे ही फैसले होने थे तथा सरकार की सभी शक्तियां एक व्यक्ति को सौंप देनी थी। क्या पंजाब सरकार काबिल नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार लोगों के साथ धोखा कर रही है। अदालत ने पटीशन का निपटारा करते हुए निर्देश जारी किए कि पंजाब सरकार फैसला लेकर जल्द पटीशनकर्ता को बताएगी।