पंजाब और हिमाचल प्रदेश में चल रहे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल में पंजाबी युवाओं का विरोध और पंजाब में हिमाचल की बसों पर भिंडरावाले की तस्वीरें चस्पा करने और एचआरटीसी बस पर हमले से विवाद गहराता जा रहा है। हालांकि हिमाचल और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच भी इस मसले को लेकर बुधवार को फोन पर बात हुई है। वहीं अब इस मामले को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी का भी बयान आया है। एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने हिमाचल प्रदेश में सिख विरोधी गतिविधियों की निंदा की है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार से सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। धामी ने कहा कि सिख श्रद्धालु अकसर देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित पवित्र धार्मिक स्थलों पर जाते हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि हिमाचल में कुछ लोगों द्वारा सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। उक्त लोग सिख श्रद्धालुओं के वाहनों पर लगे निशान साहिब और पंथक जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले व अन्य सिखों के चित्र व झंडे फाड़ रहे हैं। सिखों की शहादत के कारण देश की बहु-धार्मिक संस्कृति जीवित धामी ने कहा कि यह घटना देशहित में नहीं है। यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि यदि देश की बहु-धार्मिक और बहु-जातीय संस्कृति आज जीवित है, तो यह देश के लिए सिखों की शहादत के कारण ही है। सभी को अपने धर्म के मूल्यों को बनाए रखने और अपने धार्मिक स्थलों पर जाने का पूरा अधिकार है। सरकार और पुलिस नहीं निभा रही जिम्मेदारी उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सिख तीर्थ यात्रियों के साथ हो रही घटनाओं से स्पष्ट है कि वहां की सरकार और पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे। इस मामले पर पंजाब सरकार की चुप्पी भी राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात है। धामी ने कहा कि पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने लोगों का प्रतिनिधित्व करे तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के समक्ष उनके साथ हो रहे उत्पीड़न का मुद्दा उठाए।