तलवाड़ा (राकेश शर्मा) : पंजाब सरकार द्वारा जारी निर्देशों पर डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के नेतृत्व में जिला प्रशासन किसानों को पराली को आग न लगाने के लिए जागरूक व प्रेरित कर रहा है। इस जागरूकता अभियान के तहत धान की पराली के उचित प्रबंधन के लिए कृषि कार्यालय मुकेरियां द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से 30 जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। यह खुलासा एस.डी.एम मुकेरियां अशोक कुमार ने कृषि व संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक के दौरान किया। इस बीच, उन्होंने शिविरों के लिए क्लस्टर और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की। उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर तक चलने वाले इन शिविरों की शुरुआत नांगल अवाणा और बड़याल गांवों से की गई है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को इस जागरूकता अभियान में पूरी लगन से जुटने को कहा। उन्होंने कहा कि पराली एवं फसल अवशेषों में आग लगाना मिट्टी, पर्यावरण, मानव एवं अन्य जानवरों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसलिए इसका सही तरीके से प्रबंधन करना जरूरी है। इस अवसर पर कृषि विभाग के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
एसडीएम ने बताया कि मुख्य कृषि अधिकारी होशियारपुर डाॅ. रमिंदर सिंह धंजू और ब्लॉक कृषि अधिकारी डाॅ. विनय कुमार के नेतृत्व में नांगल अवाना व बड़याल में आयोजित शिविरों के माध्यम से जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इन शिविरों में मनिंद्रपाल (कृषि विस्तार अधिकारी, भंगाला) नेे किसानों को धान की पराली के प्रबंधन के बारे में जागरूक किया और पराली प्रबंधन की विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी सांझा की। इस दौरान गुरदित सिंह (कृषि विस्तार अधिकारी, हरदोखुंदपुर) ने पराली के रखरखाव के लिए पंजाब सरकार द्वारा सब्सिडी पर दी जा रही विभिन्न मशीनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को उर्वरकों एवं दवाओं के उचित प्रयोग के बारे में भी जागरूक किया। पशुपालन विभाग से पशु चिकित्सा निरीक्षक विकास और लखबीर सिंह ने पशुओं की विभिन्न बीमारियों और उनकी रोकथाम के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। इन शिविरों में नंगल अवाणा गांव के नरेश कुमार (सोसायटी सचिव), सौरव कुमार (सरपंच) और बरयाल गांव के सुरिंदर सिंह, विशाल सिंह, साहिल कुमार, वरिंदर सिंह, परमजीत सिंह और अन्य किसानों ने भी भाग लिया।
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