गढ़शंकर, 6 नवंबर: किसानों को झोने की पराली के प्रबंधन करने संबंधी जागरूक करने के लिए पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना के जिला स्तरीय पसार केंद्र केवीके बाहोवाल-होशियारपुर द्वारा किसान गोष्ठी व खेती प्रदर्शनियां लगाकर किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल होशियारपुर के सहायक निदेशक ट्रेनिंग डॉ मनिंदर सिंह बोंस ने किसानों से बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि किसान पराली को आग लगाकर जलाने की बजाए उपलब्ध तकनीकों की सहायता से उसका उचित प्रबंध करें ताकि वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तरह इस बार भी कृषि विज्ञान केंद्र अभियान चलाकर पराली की उचित प्रबंधन के लिए किसानों को प्रेरित कर रहा है। उन्होंने किसानों से इस अभियान सफल बनाने के लिए इसमें शामिल होने के लिए आग्रह किया। उन्होंने बताया कि ब्लाक में पराली प्रबंधन के लिए मशीनरी बैंकों का गठन किया गया है और किसन पराली प्रबंधन के लिए उपलब्ध मशीनरी का सयुंक्त रूप से लाभ उठायें। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा किसानों को कम किराया पर मशीनरी उपलब्ध कराई जा रही है।
डॉ. अजायब सिंह सहायक प्रोफेसर खेतीबाड़ी इंजीनियरिंग ने पराली प्रबंधन के लिए तकनीकों की जानकारी किसानों को विस्तार पूर्वक देते हुए कहा कि इसके लिए सर्फेस सीडर, हैपी सीडर, स्मार्ट सीडर, सुपर सीडर, जीरो ड्रिल, कटर का इस्तेमाल व रोटावेटर के साथ पराली को खेत मे मिलाकर गेहूं की सीधी बुआई कर सकते हैं। डॉ. गुरप्रताप सिंह ने किसानों को गेहूं की काश्त की नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी और सुनीता प्रोग्राम सहायक द्वारा किसानों से खेत की मिट्टी के सेंपल लये गए। इस किसान गोष्ठी में इलाके के जागरूक किसान जसपाल सिंह, गुरबख्श सिंह, सरपंच अच्छरजीत सिंह, जसविंदर सिंह नडालो, संदीप सिंह, मनजिंदर सिंह पंडोरी गंगा सिंह, कुलजीत सिंह कहारपुर, संत सिंह हल्लूवाल, सतवीर सिंह घूमेयाला, मलकीत सिंह बूड़ोबाड़ी, सुरजीत सिंह चगगरां, अजीत सिंह मोना खुर्द, सुखजिंदर सिंह गजरपुर, जसकमलजीत सिंह, बहादुर सिंह व जसविंदर सिंह रामपुर उपस्थित थे। आखिर में डॉ. परमिंदर सिंह सहायक प्रोफेसर पशु विज्ञान ने गोष्ठी में आये किसानों का धन्यवाद किया।