शिमला : हिमाचल हाईकोर्ट में हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को एक याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने बराबर वोट पड़ने के बाद पर्ची से जीत घोषित करने के नियम को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि यदि दो प्रत्याशियों को बराबर-बराबर वोट मिलते हैं तो लॉटरी निकालने का जो फार्मूला है, वह गलत है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, नियम की एक धारणा को उन्होंने याचिका में चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि जब मुकाबला टॉय होता है। उसके बाद पर्ची निकाली जाती है। जिसकी पर्ची निकलती है, उसे विनर डिक्लेयर होना चाहिए। मगर, अभी जिसकी पर्ची निकलती है, उसे हारा हुआ डिक्लेयर किया गया है। यह धारणा कानूनी रूप से गलत है।
राज्यसभा चुनाव में सिंघवी महाजन को मिले थे बराबर वोट : पर्ची में जिसका नाम निकलता है, उसकी जीत होनी चाहिए। नियम में जिसने भी यह धारणा दी है,वह गलत है। उन्होंने कहा कि एक्ट में ऐसा कोई नियम नहीं है, लेकिन नियम में यह धारणा है। उसे चुनौती दी गई है। यदि यह धारणा गलत है तो जो चुनाव हुए है, उसमे जो परिणाम घोषित हुआ है, वो भी गलत है। उन्होंने कहा कि चुनाव खत्म हो गए है। इसमें किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह लीगल प्रोसेस है। इलेक्शन को लीगल ग्राउंड पर चैलेंज किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में भाजपा के हर्ष महाजन और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को 34-34 वोट मिले थे। मुकाबला बराबरी का होने के बाद लॉटरी से हर्ष महाजन चुनाव जीत गए थे।