मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के हरित राज्य मिशन को विशेष योजनाओं व नीतियों से मिल रहा बलएएम नाथ। चम्बा : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प से प्रदेश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक कदम उठा रही है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश को हरित राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री के जारी मिशन को राजीव गांधी वन संवर्धन योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
केवल सिंह पठानिया आज मुख्य वन अरण्यपाल कार्यालय के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे ।
उप मुख्य सचेतक ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला-2025 की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा विशेष योजनाओं एवं नीतियों को प्रभावी रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है। इस दिशा में सरकार पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, जल स्रोतों के संरक्षण और सतत विकास से जुड़ी पहलों को विशेष बल दे रही है ।
राजीव गांधी वन संवर्धन योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि परिस्थितिकीय संतुलन तथा जैव विविधता संवर्धन को सुनिश्चित बनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी से वन संरक्षण एवं संवर्धन कार्यों के साथ-साथ महिला मंडल, युवक मंडल, संरक्षण उन्मुख समय सहायता समूहों (सीबीओ) को जोड़कर वानिकी गतिविधियों से स्थानीय समुदायों विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के बेहतर विकल्प भी सृजित होंगे।
योजना के अंतर्गत प्रति हेक्टेयर एक लाख 20 हजार की धन राशि में 80 प्रतिशत मजदूरी तथा 20 प्रतिशत सामग्री पर व्यय होगा।
मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के लिए राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत पहले चरण में ई-टैक्सी खरीदने पर 50 प्रतिशत उपादान, राजस्व संबंधी मामलों के त्वरित समाधान को प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय का उल्लेख भी किया।
केवल सिंह पठानिया ने ये भी कहा कि राज्य सरकार विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं से प्रदेश के आर्थिक हितों को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
उन्होंने प्रेस प्रतिनिधियों के समक्ष राज्य सरकार द्वारा नशीले एवं मादक पदार्थों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी रखी।
उप मुख्य सचेतक ने सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा विधेयक के विभिन्न प्रावधानों का भी उल्लेख किया।
उन्होंने बताया इस विधेयक द्वारा अपराधियों को 3 से 5 वर्ष की सजा तथा 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान रहेगा। इसके अतिरिक्त परीक्षा आयोजन एजेंसी के अपराधी होने पर एक करोड रुपए का जुर्माना, परीक्षा की अनुपातिक लागत की वसूली तथा 4 वर्ष तक किसी भी सार्वजनिक परीक्षा के संचालन से वंचित करने का प्रावधान रहेगा।
इस अवसर पर मुख्य वन अरण्यपाल अभिलाष दामोदरन, वन मंडल अधिकारी कृतज्ञ कुमार, डॉ. कुलदीप जमवाल, सुशील कुमार, सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।