दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के केंद्रीय जीएसटी आयुक्त कार्यालय ने बिना किसी पंजीकरण और शुल्क के भुगतान के गुटखा/पान मसाला/तंबाकू उत्पादों के निर्माण एवं अवैध आपूर्ति के माध्यम से जीएसटी की चोरी करने के मामले का पता लगाया है। उत्पादन के परिसर में खोज के आधार पर यह पाया गया कि परिसर में गुटखा/पान मसाला/तंबाकू उत्पादों का अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है, जिसका प्रमाण परिसरों में एक गोदाम, मशीनों, कच्चे मालों और निर्मित उत्पादों से मिला। अवैध फैक्ट्री में लगभग 65 श्रमिक काम करते पाए गए। गुटखा के परिष्कृत उत्पाद की आपूर्ति भारत के विभिन्न राज्यों में की जा रही है। इन खोजों के परिणामस्वरूप परिष्कृत गुटखा और चूना, सादा कत्था, तम्बाकू की पत्तियों आदि जैसे कच्चे मालों की जब्ती हुई, जिनका मूल्य लगभग 4.14 करोड़ रुपये आंका गया।
एकत्र किए गए साक्ष्यों, जब्त किए गए स्टॉक और रिकॉर्ड किए गए स्वीकार संबंधी बयानों के आधार पर 831.72 करोड़ रुपये की कुल कर चोरी का अनुमान लगाया गया है। आगे की जांच जारी है।
एक व्यक्ति को, सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 (1) (ए) और (एच) के प्रावधानों का उल्लंघन करने, जो उक्त अधिनियम की धारा 132 (1) (i) के तहत दंडनीय होने के कारण धारा 132 (5) के तहत संज्ञेय और गैर-जमानती है, कर चोरी करने के इरादे से बिना किसी जारी चालान के वस्तुओं के विनिर्माण तथा आपूर्ति करने और साथ ही परिवहन, हटाने, जमा करने, रखने, छुपाने, आपूर्ति करने या खरीद करने में शामिल होने के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। आरोपी व्यक्ति को 02 जनवरी 2021 को पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एमएम) के समक्ष पेश किया गया है तथा उसे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मामले के प्रमुख साजिशकर्ता की पहचान करने तथा इसमें शामिल बकाया कर की वसूली के लिए आगे की जांच जारी है।
दिल्ली जोन जीएसटी की चोरी रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, जिसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में 4,327 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला है और इन मामलों में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।