फिरोजपुर। भारत-पाक बॉर्डर पर बढ़ी तनातनी के दौरान बीती 9 मई को गांव खाई फेमे में एक घर पर पाकिस्तानी ड्रोन हमले में गंभीर घायल हुए लखविंद्र सिंह की करीब 2 माह तक चले इलाज के बाद मंगलवार की देर रात को लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में मौत हो गई।
7 मई को भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले व मिसाइलें दागी गई थीं। इसी दौरान पाकिस्तान की सीमा से सटे जिला फिरोजपुर के गांव खाई फेमे के एक घर पर पाकिस्तानी ड्रोन गिरा। उक्त ड्रोन लखविंदर सिंह के घर में उनकी कार पर गिरा था, जिससे आग भड़क गई थी । इसमें परिवार के मुखिया लखविंदर सिंह, उनकी पत्नी सुखविंदर कौर और बेटा सोनू बुरी तरह झुलस गए थे।
सुखविंदर कौर की पहले ही हो गई थी मौत
उक्त हादसे के 4 दिन बाद ही डीएमसी लुधियाना इलाज के दौरान महिला सुखविंदर कौर ने दम तोड़ दिया था।मंगलवार की देर रात को हुुई मौत के बाद बुधवार को सुबह स्वजन व रिश्तेदार पुलिस टीम के साथ लखविंदर का शव लेने के लिए लुधियाना के लिए रवाना हुए।
अस्पताल में कागजी कार्रवाई के चलते बुधवार देर शाम तक शव स्वजनों के हवाले नहीं किया जा सका था। इसके चलते स्वजन व रिश्तेदार वहीं मौजूद रहे।
सरकार ने किया 10 लाख रुपये की राशि का एलान
महिला सुखविंद्र कौर की मौत के बाद स्वजनों व ग्रामीणों की और से परिवार को आर्थिक सहायता राशि व नौकरी की मांग को लेकर फिरोजपुर फाजिल्का रोड भी जाम किया गया था जिसके बाद सरकार की और से 10 लाख रुपए सहायता राशि की घोषणा की थी।
वहीं, इसे लेकर जब मृतक लखविंदर सिंह के चचेरे भाई गुरबचन सोनू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पहले भाभी की मौत हुई व अब चचेरा भाई भी दम तोड़ गया है । उनका तो पूरा परिवार ही बिखर गया गया है। वहीं उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की ओर से किए गए वायदों में से अब तक कोई भी वायदा पूरा नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि जब सुखविंद्र कौर की मौत हुई थी तो मौके पर पहुंचे एडीसी जनरल की ओर से आश्वासन दिया गया था कि उनकी फाईल बनाकर सरकार को भेजी जाएगी व जो भी बनती सहायता होगी व दिलाई जाएगी । करीब 2 माह का समय बीत जाने के बाद भी किसी तरह से कोई सहायता नहीं मिली है । तो वहीं अब उनका चचेरा भाई व परिवार का मुखिया लखविंदर सिंह भी दम तोड़ गया है ।
लखविंदर सिंह 70 फीसदी झुलसा
बता दें कि उक्त पाकिस्तानी ड्रोन हमले में लखविंदर सिंह करीब 70 प्रतिशत झुलस गया था तो उनकी पत्नी शत प्रतिशत झुलसने के कारण चार दिन बाद दम तोड़ गई थी । परिवार में घायल हुई तीनों सदस्यों को हादसे के बाद इलाज के लिए फिरोजपुर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
वहां, दंपति की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें डीएमसी लुधियाना रेफर किया गया था व बेटे सोनू का निजी अस्पताल में टांग का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद सोनू की तबीयत ठीक है ओर वह ही लुधियाना डीएमसी में अपने पिता की देखभाल कर रहा था।
मिली जानकारी के अनुसार लखविंद्र की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था व अब उसके डायलिसिस किए जा रहे थे कि इसी दौरान अचानक तबियत बिगड़ गई व मंगलवार की देर रात को लखविंदर सिंह की मौत हो गई।