नई दिल्ली : लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सोमवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष और सरकार पर जोरदार प्रहार किया। उन्होंने अपने करीब 90 मिनट के भाषण में हिंदू धर्म और हिंसा, नीट परीक्षा में धांधली, अग्निवीर, किसानों की समस्या जैसे तमाम मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में नफरत और हिंसा बोने का काम किया है। उसने एक राज्य के लोगों से उनका राज्य छीन लिया। अपनी राजनीति के लिए उसने एक राज्य में गृह युद्ध करवा दिया।
राहुल गांधी के भाषण के दौरान जोरदार हंगाम भी हुआ. राहुल गांधी ने भाषण के शुरुआती मिनटों में भगवान शिव और गुरुनानक देव की तस्वीर दिखाई। इसके जरिए उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म हिंसा नहीं कर सकता। लेकिन, भाजपा के लोग देश में हिंसा फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वो हिंसा और झूठ का सहारा लेते हैं। इस पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ। इसके बाद सदन के नेता पीएम मोदी खुद खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म को हिंसा से जोड़ना ठीक नहीं है। पीएम ने कहा कि यह विषय बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर मसला है. इसके बाद भी सदन में हंगामा होते रहा।
पीएम के बाद गृह मंत्री अमित शाह भी खड़े हुए और उन्होंने भी कहा कि राहुल गांधी हिंदू धर्म को अपमानित कर रहे हैं। वह झूठ बोल रहे हैं. इस मसले पर सदन में काफी देर तक हंगामा होते रहा।
राजनाथ ने कहा- नेता प्रतिपक्ष झूठ बोल रहे : फिर राहुल गांधी ने अग्निवीर का मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने पंजाब के एक अग्निवीर के शहीद होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अग्निवीर भारतीय सेना की नहीं बल्कि पीएम मोदी की योजना थी. इसमें शहीद होने वाले जवानों को शहीद का दर्जा नहीं मिलने की बात कही। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सदन में खड़े हुए और कहा कि राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं। अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये की सहायता दी जाती है।
इसके बाद भी राहुल गांधी सरकार पर आरोप लगाते रहे. उन्होंने किसानों के मसले को उठाया और कहा कि सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकवादी बताया था. सरकार ने उनको एमएसपी नहीं दिया. इस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोरदार तरीके से बचाव किया. अमित शाह फिर खड़े हुए कहा कि नेता प्रतिप्रक्ष के सदन में कुछ भी बोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती. सदन के कुछ नियम है।
राहुल ने भाषण के दौरान नीट यूजी में धांधली का मु्द्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आज नीट अमीर लोगों के बच्चों के चयन की परीक्षा बन गई है। यह अब प्रोफेशनल परीक्षा नहीं बल्कि एक कमर्शियल परीक्षा बन गई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मसले पर चर्चा कर सरकार का सहयोग करना चाहता था। सरकार लगातार चर्चा से भाग रही है. यह 25 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल है।