चंडीगढ़, 19 दिसंबर : साइबर क्राइम वित्तीय धोखाधड़ी के पीड़ितों की शिकायतों के निपटारे के मद्देनज़र नवीन कदम उठाते हुए पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम सैल द्वारा राज्य कानूनी सेवाओं के तालमेल से सम्बन्धित बैंकों से पीड़ितों के खातों में 28.5 लाख रुपए की फ्रीज रकम सफलतापूर्वक वापस कर दी है।
यह जानकारी पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने आज यहां दी।
उल्लेखनीय है कि साइबर क्राइम सैल, पंजाब द्वारा 2021 से साइबर हेल्पलाइन 1930 की सुविधा शुरू की गई थी ताकि उन नागरिकों को वित्तीय नुकसान से बचाया जा सके, जो साइबर क्राइम वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि हेल्पलाइन 1930 या सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम ( सीएफसीएफआरएमएस) पर तुरंत शिकायत दर्ज होने के उपरांत साइबर अपराध धोखाधड़ी पीड़ितों के पैसे अारोपियों/ संदिग्ध व्यक्तियों के खातों में फ़्रीज़ कर दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अब तक पंजाब में हेल्पलाइन 1930 पर वित्तीय धोखाधड़ी की 28642 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिस पर तेज़ी से कार्यवाही करते हुए साइबर सैल ने लगभग 15.5 करोड़ रुपए की रकम, को फ़्रीज़ ( डेबिट फ़्रीज़/ लियन फ़्रीज़) किया है, जो बैंकों में पड़ी है।
डीजीपी ने कहा कि फ़्रीज़ की गई रकम की वापसी की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए साइबर क्राइम सैल ने लोक अदालतों के द्वारा सीआरपीसी की धारा 457 के अंतर्गत पीड़ित खातों में रिफंड की सुविधा के लिए राज्य कानूनी सेवा अथॉरिटी के साथ संपर्क किया है।
उन्होंने बताया कि एडीजीपी साइबर क्राइम वी. नीरजा ने 5 दिसंबर को पंजाब कानूनी सेवा अथॉरिटी के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया के साथ मीटिंग कर पंजाब के सभी ज़िला कानूनी सेवा अथॉरिटी को पैसे रिफंड करने सम्बन्धी अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे ज़रूरी निर्देश जारी करवाए।