पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अगर धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के साथ बैठक कर पं्रबंध करने की रणनीती पहले बनाई होती तो शायद दुर्घटनाए से बचा जा सकता
गढ़शंकर। श्री गुरू रविदास जी के तपोस्थल खुरालगढ़ साहिब व धार्मिक स्थल चरन छो गंगा में हर वर्ष बैसाखी व श्री गुरू रविदास जी के प्रकाशोत्सव दौरान हजारों की संख्यां में देश के अलग अलग प्रदेशों से श्रद्धालू माथा टेकने पहुंचते है। लेकिन प्रशासन दुारा ट्रैफिक को कंट्रोल करने व ट्रैकटर ट्रालियों व ट्रकों में दो दो छत्तें लगकार आने वाले पर कोई कारवाई ना करने के कारण यहां लगातार दुर्घटनाए हो रही है। वहीं किसी वीआईपी के इन धार्मिक स्थलों के आने के समय सैकड़ों पुलिस मुजाजिम तैनात हो जाते है और चारों और टै्रफिक कंट्रोल करने के लिए नाकेबंदी भी कर दी जाती है। लेकिन हजारों श्रद्धालुओं के माथा टेकने आने पर वीस से पच्चीस कर्मचारी तैनात होते है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि 60 से 65 पुलिस कर्मचारी व अधिकारी तैनात थे। लेकिन भारी संख्यां में श्रद्धालुओं के लिए सही व्यवस्था तय करने में प्रशासन कहीं भी सीरियस नहीं दिखाई दिया। कुछ श्रद्धालुओं ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि रात के समय पुलिस कर्मी कहीं दुर्घटनास्थल के निकट कोई दिखाई नहीं दे रहे था।
वहां नीम पहाड़ी ईलाका होने के कारण दोनों धार्मिक सथलों के चारों और पांच से छे किलोमीटर सडक़ों से गुजरते समय उतरने व चढ़ाई चढऩे व घुमावदार सडक़ों पर दुर्घटनाएं होने का खतरा पूरी तरह बना रहता है। जिसके चलते गत वर्ष दो सडक़ दुर्घटनाओं में दो की मौत हुई थी तो इस वर्ष कल आज हुई दुर्घटनाओं में दस की मौत और 31 गंभीर घायल हुए है।
घायल पुश्पिंदर कुमार ने कहा कि हम पैदल जा रहे थे अचानक कैंटर पीछे से आ गया और सभी को कुचलता निकल गया मेरा तो परिवार ही खतम हो गया मेरी पत्नी बेटी व भाई, भाजां व रिशतेदारों की एक छोटी लडक़ी को कैटर रूपी काल निगल गया। मैं तवाह हो गया मेरा कुछ नहीं वचा। यह कहते हुए उसकी आखों में आसूं वह रहे थे और कहने लगा अव कुछ नहीं बोल सकता। घायल नरेश कुमार ने कहा कि हम कल सुवह घर से माथा टेकने आए थे हमें क्या पता था कि कैंटर चालक हमें कुचल डालेगा। पीछे से तेज रफतार टैंकर चालक आया और सभी कुचलता हुया आगे निकल गया किसी को कुछ भी पता नहीं चला।
चल डयुटी कर हुन : दुर्घटना स्थल के निकट वीडियो कलिप में एक कार में जा रहे दो सब इंस्पेकटर जा रहे थे तो उन्में से एक मोवाईल पर बात करता सुनाई दे रहा कि चल डयुटी कर हुद दो घंटे लेट है। अव वह किस से कह रहा कि दो घंटे लेट है यह तो वह ही बता सकते है।
दुर्घटनाए होने के कारण : दोनों धार्मिक स्थलों के चारों पहाड़ी क्षेत्र में खतरनाक सडक़े तीखी उतराई व चढ़ाई वाली और घुमावदार है। इन पर चालक की थोड़ी लापरवाही भी खतरनाक साबित हो जाती है। यह सडक़ें ट्रैकटर ट्रालियों व दो दो छतें डाले ट्रक या कैंटरों के लिए तो और भी खतरनाक साबित होती है। ऊपर पुलिस दुारा किसी भी नियमों का दरकिनार कर इन सडक़ों से गुजरते वाहनों को ना रोकना श्रद्धालुओं की जान के लिए खतरा बन जाता है।
कल 12 अप्रैल को ट्रैकटर ट्राली पलटने से तीन की मौत और 11 घायल हुए थे उसके पीछे सडक़ में तीखी उतराई और ट्रैकटर ट्राली के पीछे पानी का टैंकर व उसके पीछे बड़ा जरनेटर जोड़ा हुया था। जव वह तीखी उतराई उतर रहा था तो पीछे ओवरलोड होने के कारण ट्रैकटर पर दबाव बड़ा तो ट्रैकटर अनियंत्रित होकर सीधा सौ फुट गहरी खड्ड में गिरा। समराला से चले उकत टै्रकटर ट्राली को रोकने के लिए कहीं भी पुलिस कर्मी नहीं मिले और खतरनाक रास्ते से उन्हें जाने से भी किसी ने नहीं रोका। कल हुए हादसे के बाद भी प्रशासन सोया रहा और टैंकर को आगे जाने दिया गया यहां रास्ता खतरनार है और वहीं पर कैंटर चालक ने लापरवाही से चलाते हुए सताईस श्रद्धालुओं को कुचल डाला और दौ सौ मीटर के करीव श्रद्धालुओं को कुचलता चला गया। अगर पुलिस ने पुख्तो प्रबंध किए होते तो वहां कैंटर को जाने से रोका जा सकता था।
कैसे दुर्घटनाओं को रोका जा सकता : पुलिस व प्रशासनिक अधिकाररियों को दोनों धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों के साथ बैठकर ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए व सडक़ों पर तीखी उतराई व खतरनाक घुमाव की जगहों पर समागमों दौरान वाहनों का जाना आना बंद करना चाहिए और ट्रैफिक को अन्य सडक़ों की और से डाइवर्ट करना चाहिए। इसके ईलावा तीन लगातार पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों को तैनात कर वैरीकेडिग टै्रफिक को कंट्रोल करने के साथ साथ डाइवर्ट रूट से जाने देना चाहिए। इसके ईलावा ट्रैकटर ट्रालियों के पीछे टैंकरों आदि को बांध कर लाने व ट्रकों या कैंटरों पर छतें डालने को कड़ाई से रोकना चाहिए ताकि श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़ ना हो सके। इसी तरह सडक़ों को घुमावदार जगहों पर चौड़ा किया जाना चाहिए।
लोक निर्माण विभाग के एसडीओ बलिंद्र कुमार : यहां कल और आज दुर्घटनाए हुई वहां पर सडक़ों की हालत बढ़ीयां है। सडक़ों में टैकनीकली कोई दिक्कत नहीं है। यह दुर्घटनाओं के पीछे अन्य कारण हो सकते है। सडक़ों को और चौड़ा करना या घुमाव वाली जगह चौड़ा करने के लिए हम सरकार को प्रोपोजल भेज देगें। लेकिन दफा चार और सरकारी जमीन ना होने के कारण समस्या आती है।
नंबरदार बैज नाथ चौधरी : पुलिस को ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पुखता इंतजाम करने चाहिए और समागमों दौरान गढ़ीमानसोवाल से खुरालगढ़ साहिब व बस्सी से चरण छो गंगा तक वाहनों के लिए रास्ता बंद करना चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को दुर्घटनाओं से बचाया जा सके।
श्री रविदास जी के त्तपोस्थल श्री खुरालगढ़ साहिब की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष भाई केवल सिंह : पुलिस प्रशासन पुख्ता इंतजाम करें हम उन्हें हर तरह का सहयोग देते है और देते रहेगे। दोनों दुर्घटनाएं दुखद है। श्रत्रालुओं को गढ़शंकर से श्री अनंदपुर साहिब मार्ग से पोजेवाल से नैनवां और नैनवां से वाया हैबोवाल गुरू घर पहुंचे। समूह संगत गुरू घर माथा टेकने के लिए टै्रकटर ट्रालियों व ट्रकों में दो दे छतें बना कर आने से परहेज करें। समूह संगत सुरक्षित वाहनों को इंतजाम करें और खतरनाक घुमाव वाली तीखी उतराई चढ़ाई वाली जगहों की जगह सरिक्षत सडक़ रास्तों का ही उपयोग करें।
डीएसपी गढ़शंकर दलजीत सिंह खख : पुलिस ने पूरी तरह इंतजाम किए हुए थे यह दुर्घटनाए चालकों की लापरवाही के कारण हुई है। रात दस से सुवह चार वजे तक डीएसपी सिटी परमिंदर सिंह डयुटी पर तैनात थे और पूरी रात वह डयुटियों पर तैनात कर्मचारियों को चैक कर रहे थे। 25 कर्मचारियों की तैनाती कर बात गल्त है। 60 से 65 पुलिस कर्मचारी डयुटी दे रहे है। राम दुर्घटना स्थल पर मैं खुद, एसडीएम प्रीतइंदर सिंह बैंस, डीएसपी सिटी परमिदंर सिंह कुछ ही समय में पहुंच गए थे।
डिप्टी सपीकर जय कृष्ण सिंह रोड़ी : मुतकों को दो दो लाख के चैक उनके वारिसों को दे दिए गए है और घायलों का एक एक लाख तक का ईलाज मुफत करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगे से इस तरह की दुखद घटनाए ना हो इसके लिए सभी इंतजाम करने के लिए प्रशासन को कड़े निर्देश जारी कर दिए गए है। सडक़ो के खतरनाक घुमाव वाली जगहों को चौड़ा करवाया जाएगा। हमारी सरकार पीडि़त परिवारों के इस दुख के समय में हमेश साथ है।