चंडीगढ़, 13 जून : पंजाब पुलिस में फ़र्ज़ी भर्ती घोटाले का पर्दाफाश करते हुए 102 नौजवानों को पुलिस में दर्जा-4 कर्मचारियों के तौर पर भर्ती कराने का झाँसा देकर कुल 26,02,926 रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में पंजाब पुलिस के दो कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया है।
गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों की पहचान तीसरी आईआरबी में बतौर क्लीनर (ग्रेड-4 कर्मचारी) के तौर पर तरलोचन पाल निवासी मोहल्ला बेगमपुर, आदमपुर, ज़िला जालंधर और पंजाब पुलिस एकेडमी फिल्लौर में नाई (ग्रेड-4 वर्कर) के तौर पर तैनात सुरिन्दरपाल निवासी गांव सीकरी, नीलोखेड़ी, ज़िला करनाल का रहने वाले के तौर पर हुई है। इस संबंध में विजिलेंस ब्यूरो ने बताया कि उक्त दोनों आरोपियों को गांव नंगला ज़िला होशियारपुर के निवासी सुरिन्दर सिंह द्वारा दी गई शिकायत की जांच के उपरांत गिरफ़्तार किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो जालंधर रेंज द्वारा की गई तफ्तीश के दौरान शिकायतकर्ता की तरफ से लगाए गए आरोप सही पाये गए, जिस कारण उक्त दोनों आरोपियों के खि़लाफ़ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार किये गए आरोपी तरलोचन पाल और आरोपी सुरिन्दरपाल को अदालत में पेश करके दो दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है जिस दौरान इनसे गहराई के साथ पूछताछ की जायेगी और पता लगाया जायगा कि कितने व्यक्तियों को दर्जा-4 कर्मचारी भर्ती कराने का झांसा देकर ठगी की गई। इस फर्जी भर्ती घोटाले में कुल कितनी रकम एकत्रित की गई। प्रवक्ता ने बताया कि जांच से पता चला है कि मुलजिम तरलोचन पाल और इस काम में उसके साथी सुरिन्दरपाल ने भोले-भाले नौजवानों को झूठा यकीन दिलाया कि आने वाले महीनों के दौरान पंजाब पुलिस में दर्जा-4 के लगभग 560 पद भरे जाने हैं। उक्त दोनों आरोपीयों ने आपसी मिलीभगत से पंजाब पुलिस में दर्जा-4 कर्मचारियों के तौर पर भर्ती करवाने का दिलासा देकर प्रति व्यक्ति 25,000 रिश्वत की मांग की और राज्यभर से करीब 102 लोगों से पैसे इकठ्ठा किये। तरलोचन पाल को कुल 18,09,100 रुपए रिश्वत के तौर पर प्राप्त हुए, जो उसने अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाए और इसमें से उसने 5,45,000 रुपए सुरिन्दरपाल के एचडीएफसी बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके अलावा सुरिन्दरपाल के बैंक खाते में 7,93,826 रुपए रिश्वत के तौर पर अलग प्राप्त हुए थे। तफ्तीश के दौरान पता लगा है कि दोनों आरोपीयों तरलोचन पाल और सुरिन्दर पाल द्वारा कुल 26,02,926 रुपए रिश्वत के तौर पर लिए गए थे। दोनों आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420 और 120- बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 अधीन तारीख़ 07/06/2024 को मुकदमा नंबर 10 दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि आरोपी सुरिन्दर पाल ने पूछताछ के दौरान विजिलेंस ब्यूरो के पास माना है कि उसने और तरलोचन पाल ने भर्ती होने के इच्छुक लोगों से पैसे लेकर करीब 9 लाख रुपए पंजाब पुलिस हेडक्वाटर चंडीगढ़ में तैनात दो कर्मचारियों को दे दिए थे। उसने यह भी बताया कि यह भर्ती न होने के बाद हेडक्वाटर में लगे दोनों आरोपियों द्वारा 9 लाख रुपए में से कुछ पैसे उनको वापस कर दिए गए लेकिन बाकी के पैसे उन्होंने रख लिए।