शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल की सजा का आज तीसरा दिन है। बुधवार को अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर में गोली चलने के बाद भी उनकी सजा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वह तख्त श्री केसगढ़ साहब सेवा करने पहुंचे। वो यहां सुबह 9 बजे से ही सेवा कर रहे हैं। वे श्री केसगढ़ साहिब में सेवादार की पोशाक पहने, हाथों में भाला थामे और गले में तख्ती लटका कर इस सेवा को निभा रहे हैं।
गुरुद्वारे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां लगभग 400 पुलिस कर्मी ओर एसजीपीसी की टास्क फोर्स तैनात है। गुरुद्वारे में घट रही सभी गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। 4 दिसंबर को सुखबीर सिंह बादल पर सेवा के दौरान फायरिंग की गई थी। इस फायरिंग में वो बाल-बाल बच गए थे। हमलावर नारायण सिंह चौरा को मौके पर ही पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था। इसके बाद तमाम तरह के उठ रहे सवालों के बीच पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया था, “यह हमारी पुलिस अलर्टनस का नतीजा ही है कि सुखबीर सिंह बादल की जान बच गई।”
उन्होंने कहा था, “सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले के बाद हमने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है। एक एआईजी, दो एसपी, दो डीएसपी सहित पौने 200 पुलिसकर्मियों को सादी वर्दी में उनकी सुरक्षा में तैनात कर दिया गया।” उन्होंने आगे कहा था, “यहां पर मैं एक बात बताना चाहूंगा कि हमारे मुलाजिम यशपाल सिंह ने सबसे पहले नारायण सिंह चौरा को नोटिस किया था। नारायण सिंह चौरा इससे पहले भी कई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रह चुका है।”
भुल्लर के एक बयान से अकाली दल के नेता काफी नाराज भी हो गए थे। भुल्लर ने कहा था कि यह हमला कहीं सुखबीर सिंह बादल का सहानुभूति बटोरने का कोई तरीका तो नहीं? इस पर अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने नाराजगी जाहिर की थी।