चंडीगढ़ ; पंजाब सरकार द्वारा बर्खास्त किए गए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को लेकर हर रोज हैरानीजनक खुलासे हो रहे हैं। भ्रष्टाचार के दोष में गिरफ्तार पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डा. विजय सिंगला के मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। अब तक कारोबारी प्रदीप कुमार को मंत्री विजय सिंगला का ओएसडी बताया जा रहा था तथा प्रदीप कुमार को मंत्री का ओएसडी बता कर रिश्वत मांगी गई थी। असल में सरकारी रिकार्ड के अनुसार प्रदीप कुमार डा. विजय सिंगला का ओएसडी नहीं है। मंत्री ने अपने दो भांजों समेत तीन रिश्तेदारों के सचिवालय में दाखिले के ग्रीन गार्ड बनाए थे। इस कारण मंत्री विजय सिंगला हर स्थान पर प्रदीप कुमार को अपना ओएसडी कह कर अपने साथ रखते थे। प्रदीप कुमार सचिवालय में होने वाली बैठकों में मंत्री के साथ न सिर्फ हिस्सा लेता था बल्कि सभी फाइलों की जांच भी करता था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने कई बार प्रदीप कुमार को बैठक में से बाहर भेजा पर मंत्री के कहने पर उसे वापस बुला लिया जाता। इससे पता लग रहा है कि मंत्री का भ्रष्टाचार फर्जी ओएसडी के रुप में चल रहा था।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार डा. सिंगला की नजर सूबे में चल रहे 208 ड्रग डैंटरों पर थी। यहां नशा तस्करी को रोकने में लगी हुई पंजाब सरकार नशा छुड़ाओ केंद्रों के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने की भी योजना बना रही है। हर साल केंद्रों में 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाइयां व अन्य जरुरी सामान का कारोबार किया जा रहा है। वर्तमान में 2.5 लाख नशा करने वाले मरीज रजिस्टर हैं, जबकि नशा मुक्ति केंद्रों पर 16.5 लाख मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।
वर्णनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गत दिनी विजय सिंगला को पद से बर्खास्त कर दिया था। उन पर 1 प्रतिशत कमिशन लेने के आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद कार्रवाई करते हुए सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए विजय सिंगला को गिरफ्तार कर लिया। इस संबंधी उनसे पूछताछ चल रही है।
प्रदीप कुमार निकले फर्जी ओएसडी : पूर्व सेहट मंत्री मंत्री विजय सिंगला को लेकर नया खुलासा
May 26, 2022