चंडीगढ़ : चंडीगढ़ पुलिस ने एक फर्जी जुडिशियल मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार किया है। उसे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के चलते रोका गया था। लेकिन गलती मानने के बजाय पुलिस को अकड़ दिखाने लगा। आरोप है कि उसने खुद को ‘प्रथम श्रेणी का जुडिशियल मजिस्ट्रेट’ बताया। लेकिन पुलिस पर उसकी धमकियों का असर नहीं हुआ। उसने संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।उसके पुलिस की गिरफ्त में होने का वीडियो वायरल है।
चंडीगढ़ के सेक्टर 45/46/49/50 के चेक पाइंट पर ट्रैफिक पुलिस के ASI अरिजीत सिंह ने एक सफेद स्कॉर्पियो को रुकने के लिए कहा। वजह ये कि गाड़ी की नंबर प्लेट पर काला कपड़ा लटकने की वजह से गाड़ी का नंबर स्पष्ट नहीं दिख रहा था। गाड़ी को रोके जाने पर स्कॉर्पियो चालक गुस्से में सिग्नल तोड़ कर लापरवाही के साथ गाड़ी को पार्क करता है और बाहर आकर ट्रैफिक पुलिस से बहस करने लगता है। ट्रैफिक पुलिस के लाइसेंस मांगने पर वो हेकड़ी दिखाते हुए लाइसेंस दिखाने से इनकार कर देता है। साथ ही खुद को ‘प्रथम श्रेणी का न्यायिक मजिस्ट्रेट’ बताता है। शख्य अपने फोन पर घटना का वीडियो भी बनाता है। वीडियो में एक दूसरे अधिकारी द्वारा पूछे जाने पर भी शख्स खुद को JMIC ही बताता है। इस शख्स का नाम प्रकाश सिंह मारवाह है। रिपोर्ट के मुताबिक वो पेशे से वकील है और चंडीगढ़ सेक्टर 51 का निवासी है।
आगे वीडियो में प्रकाश ट्रैफिक पुलिस को कॉल पर किसी वरिष्ठ अधिकारी से बात करने को कहता है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस उससे दोबारा लाइसेंस की मांग करती है। इस बार प्रकाश स्पीड में गाड़ी आगे बढ़ा देता है और पुलिस को चिल्लाते हुए चालान भेज देने को कहता है।
इस घटना के बाद ASI अरिजीत सिंह ने प्रकाश पर IPC की धारा 170 (एक लोक सेवक का रूप धारण करने), 186 (लोक सेवक के सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने) और 419 (किसी और का रूप धारण कर धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर दिया है। साथ ही लाल बत्ती पर सिग्नल तोड़ने और नंबर प्लेट के साथ छेड़छाड़ के लिए भी उसके चालान काटे हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर प्रकाश पर कार्रवाई की है।