पहाड़ी क्षेत्रों की बजट में उपेक्षा : प्रतिभा सिंह
शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि अगले साल देशभर में चुनाव होने हैं। इसलिए उम्मीद थी कि समाज के हर वर्ग को छूने वाला बजट केंद्र सरकार देगी। मगर, इस बजट में महंगाई और बेरोजगारी को खत्म करने का कोई उल्लेख नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश में आज मनरेगा की वजह से अराजकता नहीं है। इसके लिए भी मोदी सरकार ने पर्याप्त बजट नहीं दिया है। ग्रामीण स्तर पर रोजगार देने वाली मनरेगा योजना को केंद्र सरकार खत्म करना चाह रही है, जबकि मनरेगा योजना पूरे देश में ग्रामीणों को रोजगार देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सहित अन्य कर्जदार राज्यों को भी कोई स्पेशल ग्रांट नहीं दी गई। हिमाचल पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। 5500 करोड़ पेंशन का एरियर, 4500 करोड़ का कर्मचारियों का एरियर और 920 करोड़ रुपए DA की किश्त के हैं। ऐसे में हिमाचल केंद्र से वित्तीय मदद की उम्मीद कर रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में प्रदेश में रेल और हाईवे के विस्तार के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लोगों के कल्याण के प्रति केन्द्र सरकार के भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाता है।
हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह: बजट को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों के विकास के लिए बजट में विशेष योजनाएं दी जानी चाहिए थीं, मगर ऐसा कुछ नही किया गया। पहाड़ी क्षेत्रों की बजट में उपेक्षा की गई है। कृषि व बागवानी क्षेत्र की पूरी तरह अनदेखी की गई है। बजट में हिमाचल में रेलवे के विकास की किसी भी योजना का प्रस्ताव नहीं है, जो बहुत ही दुखद है। उन्होंने इसे दिशाहीन करार दिया है।