अमृतसर : पंजाब के अमृतसर से बड़ी खबर सामने आई है। खालिस्तानी संगठन वारिस पंजाब दे के मुखी तथा खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के सात साथियों को पंजाब लाने के लिए पुलिस असम पहुंच चुकी है। पुलिस को अमृतपाल के दो साथियों प्रधानमंत्री बाजेके और गुरमीत सिंह का ट्रांजिट रिमांड मिल गया है। दोनों को पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
मंगलवार सुबह दोनों के अमृतसर पहुंचने की संभावना है। बता दें कि पंजाब सरकार ने इन पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) जारी रखने से मना कर दिया है। इसके चलते पंजाब पुलिस अमृतपाल के साथियों को लेने के लिए डिब्रूगढ़ पहुंच चुकी है। डीजीपी गौरव यादव ने भी इसकी पुष्टि की है। फिलहाल अमृतपाल सिंह, पप्पलप्रीत सिंह और वरिंदर विक्की डिब्रूगढ़ जेल में ही रहेंगे।
बता दें कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रही एनएसए की अगली सुनवाई अब 22 मार्च को होगी जिसके बाद ही पंजाब सरकार अगला फैसला लेगी। डीजीपी ने बताया कि आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड प्राप्त करने के लिए डिब्रूगढ़ की अदालत में पेश करेगी ताकि उन्हें पुलिस स्टेशन पर हमले के केस में पंजाब वापस लाया जा सके।
अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले की करेंगे जांच : डीआईजी
डीआईजी बॉर्डर रेंज अमृतसर सतिंदर सिंह ने कहा कि जब अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ था तो केस दर्ज किया गया था, जिन 10 लोगों पर एनएसए लगाया गया था, उन्हें अभी तक उस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया था। हम मामले की जांच को आगे बढ़ा रहे हैं। हम 7 लोगों को गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब लाएंगे और अजनाला कोर्ट में पेश करेंगे और जांच करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 2023 में सांसद अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में 250-300 लोगों की भीड़ ने अपने एक साथी को हिरासत से छुड़ाने के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था। थाने पर हमला करने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 लोगों पर एनएसए लगाया और उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया था।