नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के टिकेन इलाके से बचाव दल ने गुरुवार को कम से कम दो शव बरामद किए, जबकि पहाड़ी राज्य के शिमला के रामपुर, मंडी के पधार और कुल्लू के दो गांवों से कम से कम तीन बादल फटने की घटनाओं के बाद कई लोग लापता हैं. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक आपात बैठक बुलाई और कहा कि राज्य के इन इलाकों से 50 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है.
सुक्खू ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, ‘हमें शिमला के रामपुर तहसील, मंडी जिले के पधार तहसील और कुल्लू के जौन, निरमंड गांवों में बादल फटने के कारण 50 से अधिक लोगों के लापता होने की बहुत दुखद खबर मिली है.’ उन्होंने कहा, ‘एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और अग्निशमन सेवाओं की टीमें राहत, तलाशी और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं. स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के निर्देश दिए गए हैं. मैं अधिकारियों के संपर्क में हूं और राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहा हूं. राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
पत्रकारों से बात करते हुए सुक्खू ने कहा कि मौसम ब्यूरो ने अगले 36 घंटों में राज्य में और बारिश की संभावना जताई है. उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे उफनती नदियों को पार न करें या उनके पास न जाएं और सुरक्षित क्षेत्रों में रहें.’ सुक्खू ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की है, जिन्होंने उन्हें केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को तैयार रहने को कहा गया है.
अधिकारियों ने बताया कि रामपुर के समेज खड्ड में जलविद्युत परियोजना के निकट बादल फटने से व्यापक तबाही हुई है और एक सरकारी स्कूल भवन सहित एक दर्जन इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सुबह-सुबह रामपुर में बादल फटने की सूचना मिली थी. एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने पहले कहा, ‘शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रभावित क्षेत्र से 19 लोग लापता हैं, जबकि अपुष्ट रिपोर्टों से पता चलता है कि कुल्लू में भी कुछ लोग लापता हैं. अब तक 33 लोग लापता हैं. सड़क अवरोधों के कारण घटना की खबर देरी से मिली, बादल फटने की घटना गुरुवार को सुबह 1 बजे हुई.’
शिमला के डिप्टी कमिश्नर अनुपम कश्यप ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), पुलिस और स्थानीय बचाव इकाइयों की टीमों को तुरंत प्रभावित इलाके में भेज दिया गया है. कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी घटनास्थल पर जा रहे हैं. रामपुर के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) निशांत तोमर भी घटनास्थल पर जा रहे हैं. कश्यप ने बताया कि राहत कार्य तत्काल शुरू हो गए हैं, जिसमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और विशेष होमगार्ड भी शामिल हैं. एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाएं भी मौके पर मौजूद हैं. राहत और बचाव कार्यों को सुचारू बनाने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति बनाई गई है, जिसमें पुलिस, होमगार्ड, फायर ब्रिगेड, सुन्नी बांध प्रबंधन और अन्य विभाग शामिल हैं.
उत्तराखंड के केदारनाथ में भारी बारिश के कारण कम से कम दस लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि भारी बारिश के कारण कई घर ढह गए, इलाकों में बाढ़ आ गई और राज्य की कई नदियों में जलस्तर बढ़ गया. देहरादून, हल्द्वानी और चमोली में बारिश से जुड़ी घटनाओं में चार लोग लापता भी हो गए.
आपदा नियंत्रण कक्ष ने बताया कि देहरादून के रायपुर इलाके में एक मौसमी नहर के उफान पर होने से दो लोग बह गए. इसमें एक का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि दूसरे की तलाश जारी है. देहरादून में कई घरों में पानी घुस गया और शहर में कई जगहों पर सड़कें जलमग्न हो गईं.
नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक व्यक्ति नदी के पानी में बह गया, जबकि चमोली जिले के देवचौली में एक मकान ढहने के बाद 31 जुलाई की शाम से एक महिला और एक बच्चा लापता है.
उन्होंने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है. पुलिस ने बताया, ‘हरिद्वार जिले के बहादराबाद क्षेत्र के भरपुर गांव में 31 जुलाई को भारी बारिश के कारण मकान ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई और इतने ही लोग घायल हो गए.’
अधिकारियों ने बताया, ‘टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र के जखन्याली गांव में बादल फटने के बाद भूस्खलन में एक परिवार के तीन सदस्यों – भानु प्रसाद (50), उनकी पत्नी नीलम देवी (45) और बेटे विपिन (28) की मौत हो गई.’
टिहरी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि विपिन को बचा लिया गया, लेकिन ऋषिकेश स्थित एम्स ले जाते समय उसकी मौत हो गई.
बुधवार शाम को हुई मूसलाधार बारिश के बाद हरिद्वार के खरखरी क्षेत्र में सुखी नदी के किनारे खड़े करीब एक दर्जन चार पहिया वाहन बह गए. अधिकारियों ने बताया, ‘राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमों को राज्य के प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है.’
आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि केदारनाथ मार्ग पर पत्थर गिरने और भीमबली चौकी के पास 20-25 मीटर पैदल मार्ग बह जाने के कारण फंसे 200 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.