बाधित सड़कों को बहाल करने में युद्व स्तर पर चल रहा कार्य: डीसी.डॉ. निपुण जिंदल

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राहत तथा पुनर्वास कार्यों को लेकर सतर्क प्रशासन

दो जगहों पर एनडीआरएफ की मदद से चल रहा सर्च एंड रेस्क्यू

धर्मशाला, 14 अगस्त। जिला कांगड़ा में पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक 273 मिमि. बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिसके कारण जिलें में विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक सुविधाओं सहित निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। आज धर्मशाला में प्रेस को जारी एक ब्यान में उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन सभी विभागों के साथ समन्वय बनाकर सार्वजनिक सुविधाओं को रिस्टोर करने और आपदा में फंसे लोगों को बचाने के लिए निरंतर कार्यरत है।
जिले में दो डेथ हुई रिपोर्ट
जिलाधीश ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश के कारण जिले में दो डेथ रिपोर्ट हुई हैं। उन्होंने बताया कि बाथू पुल के पास हुए भूस्खलन से उना के प्रवीण कुमार की मृत्यु हुई तथा फतेहपुर की ठेहड़ पंचायत में पानी के तेज बहाव में बह जाने से एक 11 वर्षीय बालक का देहावसान हो गया।
क्षतिग्रस्त मकान और गोशालाएं
उन्होंने बताया कि बारिश के चलते जिले में 43 कच्चे और 5 पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि वहीं 59 कच्चे और 10 पक्के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 78 गोशालाएं और एक दुकान भी क्षतिग्रस्त हुई है। उन्होंने बताया कि इस दौरान 3 मवेशियों की जान भी गई है। उपायुक्त ने बताया कि प्रभावित को तुरंत फौरी राहत देने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
172 सड़कें हुई थी अवरुद्ध, 111 बहाल
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में कल शाम से हुई भारी बारिश में कुल 172 सड़के अवरुद्ध हुईं थी, जिनमें से 111 को बहाल कर दिया गया है। वहीं 15 सड़कों को कल तक बहाल कर दिया जाएगा तथा शेष मार्गों को 15 अगस्त के बाद बहाल किया जाएगा।
जलशक्ति की 287 प्रभावित स्कीमों में से 155 रिस्टोर
डीसी ने बताया कि जिले में जल शक्ति विभाग की कुल 660 स्कीमों में से 287 भारी बरसात के चलते प्रभावित हो गई थीं, जिनमें से 155 को रिस्टोर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शेष बची स्कीमों को भी रिस्टोर करने का कार्य वॉर फुटिंग पर जारी है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में मुख्यतः धर्मशाला और पालमपुर की स्कीमें बाधित हुई थी, जिनमें से पालमपुर की पूरी तरह रिस्टोर कर दी गई है तथा धर्मशाला की स्कीम को 60 प्रतिशत के करीब रिस्टोर कर दिया गया है।
दो हजार ट्रांसफार्मर हुए थे बंद, 1300 किए ठीक
उपायुक्त ने बताया कि जिले में भारी बारिश के चलते बिजली बोर्ड के कुल दो हजार ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए थे। उन्होंने बताया कि इनमें से 1300 के लगभग ठीक कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि शेष 703 को भी पुनः संचालित करने के लिए बिजली बोर्ड के कर्मी कार्यरत हैं। उन्हांेने बताया कि लम्बागांव और बड़ोह की सप्लाई को ज्यादा नुकसान पहुंचा है तथा इसे भी आज रात तक रिस्टोर करने के प्रयास जारी हैं।
चल रहे दो सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में एनडीआरएफ की मदद से अधवानी और मंड में दो सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ब्यास का जलस्तर बढ़ने से ज्वालामुखी के अधवानी में एक स्टोन क्रशर में 70 लोगों के फंसने की जानकारी प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि शाम 6 बजे तक लगभग 40 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है, वहीं बाकियों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है। उपायुक्त ने बताया कि इंदौरा के मंड क्षेत्र में भी लोगों के फंसने की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि वहां चल रहे सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक 9 लोगों को एनडीआरएफ की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों क्षेत्रों में अंतिम फंसे व्यक्ति को निकालने तक बचाव कार्य चलता रहेगा।
इन क्षेत्रों में स्थापित किए रिलीफ कैंप
डीसी ने बताया कि बारिश और आपदा की स्थिति को दुखते हुए जिले में विभिन्न स्थानों पर प्रभावितों के लिए रिलीफ कैंप प्रशासन द्वारा स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नूरपुर के लदोरी, मिंज ग्रां में दो स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। इंदौरा के माला, बेला इंदौरा और बड़ुखर में, धीरा के पनापर, बचवाल और गरदेहड़ में, जयसिंहपुर के कुड़ाना, देहरु और कोसरी में, ज्वालामुखी के अधवानी और खुंडियां तथा जवाली के भरमाड़, चचियां, अनूही तथा धार कोटला में राहत शिविर लगाए गए हैं।
काठगढ़ मंदिर में एनडीआरएफ की टीम तैनात
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि ब्यास बेसिन में अत्याधिक बारिश का रेड अलर्ट होने के चलते अगले 24 घंटों में पंडोह और पौंग डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम को पहले से ही इंदौरा के काठगड़ मंदिर में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ब्यास और पौंग के बहाव क्षेत्र से दूर रहें।

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