बाल बालिका सुरक्षा योजना के तहत 157 बच्चों को मिल रहा लाभ: एडीसी

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जिला बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित
ऊना, 26 फरवरी: बाल बालिका सुरक्षा योजना के तहत जिला के 157 अनाथ बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है और चालू वित्त वर्ष की दूसरी व तीसरी तीमाही के दौरान 23 नए मामले स्वीकृत किए गए हैं। जिला बाल संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त डाॅ अमित कुमार शर्मा ने बताया कि इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 45 लाख 12 हजार 862 रुपये की राशि प्राप्त हुई है जिसमें से अब तक 44 लाख 89 हजार 167 रुपये की राशि लाभार्थियों को प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिला की सभी पंचायतों में पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियां गठित की गई हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को इन समितियों व कार्यप्रणाली के बारे में जागरुक करें ताकि उनकी पंचायतों में यदि कोई ऐसा अनाथ बच्चा है तो उसकी पहचान करके उसकी मदद की जा सके।
डाॅ अमित कुमार शर्मा ने कहा कि इस योजना के तहत फोस्टर केयर मामलों की निरंतर निगरानी भी की जा रही है ताकि लाभार्थियों को सहायता राशि समय पर प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि जिला में विशेष तौर पर धार्मिक स्थलों पर बाल भीक्षावृति पर अंकुश लगाने के दिशा में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और इसके लिए बाल संरक्षण इकाई और पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त तौर पर विशेष जागरुकता अभियान भी चलाए गए हैं। माता ंिचंतपूर्णी मंदिर क्षेत्र में बाल भीक्षावृति को हतोत्साहित करने के लिए 22 फलैक्स बोड लगाए गए हैं। साथ ही जिला में चाइल्ड हल्पलाईन नंबर 1098 भी क्रियाशील है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह नंबर प्रत्येक बस अड्डा, रेलवे स्टेशन सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करना भी सुनिश्चित किया जाए।
एडीसी ने बताया कि अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए जिला में 11 दंपतियों ने आवेदन किया है। इनमें से 10 मामलों में गृह अध्ययन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है जबकि एक मामला स्वीकृति हेतु लंबित है। इसके अलावा जिला बाल संरक्षण इकाई ऊना के कार्यालय में एक परामर्श कंेन्द्र भी खोला गया है ताकि दत्तक अभिभावकों और बच्चों को परामर्श प्रदान किया जा सके।
एडीसी ने कहा कि जिला में नाबालिग बच्चों के संपत्ति अधिकारों के हनन से संबंधित 135 मामलों की पहचान की गई है जिनमें से 78 मामलों में म्यूटेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और शेष मामलों में कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि कई अनाथ नाबालिग बच्चों की संपत्तियां हड़प ली जाती हैं। जिला में ऐसा कोई मामला तो नहीं है, इसकी पहचान करने के लिए विभागीय अधिकारी संबंधित तहसीलदारों के साथ समन्वय स्थपित कर जांच पड़ताल करें ताकि वंचित को उसके अधिकार प्राप्त हो सकें।
इस अवसर जिला परिषद अध्यक्षा नीलम कुमारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी आइसीडीएस सतनाम सिंह, जिला बाल संरक्षण अधिकारी शाम मल्होत्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वास्थ्य डाॅ एसएस सिद्धु चाईल्डलाइन समन्वयक रीना कुमारी सहित अन्य उपस्थित रहे।
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