पंजाब पुलिस ने दावा किया कि कट्टरपंथी सिख उपदेशक और सांसद अमृतपाल सिंह से मुख्यमंत्री भगवंत मान की जान को गंभीर खतरा है। पंजाब पुलिस ने यह भी कहा है कि अमृतपाल सिंह और उसके साथी राज्य में कानून-व्यवस्था को भी खराब कर रहे हैं। पंजाब पुलिस ने ये दावे पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में प्रस्तुत एक हलफनामे में किए हैं, जिसमें उन्होंने अजनाला पुलिस स्टेशन के बाहर रिकॉर्ड किए गए कुछ वीडियो क्लिप का हवाला दिया है।
क्या है उस वीडियो क्लिप में, जिसके आधार पर पंजाब पुलिस कर रही है दावा : कथित वीडियो क्लिप में खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मुख्यमंत्री (भगवंत मान) इस तरह से काम कर रहे हैं कि उनका भी वही हश्र होगा जो पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का हुआ था। बता दें कि अगस्त 1995 में राज्य सचिवालय के अंदर आत्मघाती बम हमले में बेअंत सिंह की हत्या कर दी गई थी।
अमृतपाल सिंह दावे के मुताबिक वीडियो में कहता है : हमने सीएम मान को सीएम बेअंत सिंह के रास्ते पर न चलने की चेतावनी दी थी…सीएम मान अभी भी उन्हीं के रास्ते पर चल रहे हैं। दिलावर ने मानव बम की तरह काम किया और सीएम बेअंत सिंह को उड़ा दिया…सीएम मान ने ही ऐसा किया है कि आज इस भीड़ में से कई दिलावर पैदा हो गए हैं।” पुलिस ने कहा कि इस तरह के बयानों से युवाओं को यह विश्वास दिलाने की संभावना है कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्री की हत्या करना एक “वीरतापूर्ण कार्य” था। पुलिस ने यह भी कहा कि उन्हें आशंका है कि अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगी उनके कट्टरपंथी विचारों के खिलाफ असहमति जताने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ गंभीर अवैधानिकताएं कर सकते हैं।
पंजाब पुलिस ने कहा- ‘अगर वह कानून को अपने हाथ में लेता… पंजाब पुलिस ने एक विस्तृत हलफनामे में कहा, “अगर वह (अमृतपाल सिंह) कानून को अपने हाथ में लेता और उन सभी को नुकसान पहुंचाता जो उसकी विचारधारा से सहमत नहीं हो सकते हैं, जैसा कि उसने हाल के दिनों में किया है, तो कानून और व्यवस्था, सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव और राज्य की सुरक्षा की गंभीर और प्रतिकूल स्थिति पैदा होने की सबसे अधिक संभावना है।” पुलिस ने ये हलफनामा प्रचारकों के सहयोगियों सरबजीत सिंह कलसी और गुरमीत सिंह गिल द्वारा दायर याचिकाओं के जवाब में दिया है।