चंडीगढ़: पंजाब में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की बड़ी कार्रवाई समाने आई है। ईडी ने ड्रग्स की गलत बिक्री के मामले में 21 करोड़ रुपये की राशि को बैंक खातों में फ्रीज कर दिया है। ईडी ने यह कार्रवाई पंजाब में बंद हो चुके 22 नशा मुक्ति केंद्रों पर छापेमारी के बाद की है।
इन केंद्रों को डॉ. अमित बंसल संचालित करते थे। वह पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। सात महीने पंजाब विजिलेंस ब्यूरों ने डॉ. बंसल को अरेस्ट किया था। इसमें लधियाना की ड्रग इंस्पेक्टर रुपप्रीत कौर को सह आरोपी बनाया था। बाद में यह मामला ईडी ने अपने हाथ में लिया था।
22 नशा मुक्ति केंद्र से जुड़ा है केस : ईडी ने इस मामले में अब डॉ. अमित बंसल और उनके परिवार की तरफ से संचालित नशामुक्ति केंद्रों पर एक्शन लिया है। ईडी ने 21 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए हैं। एजेंसी ने यह कार्रवाई पंजाब भर के निजी नशामुक्ति केंद्रों से जुड़े एक ड्रग्स के दुरुपयोग और धन शोधन मामले की चल रही जांच के सिलसिले में की गई है। एक अधिकारी ने कहा कि जांच में पंजाब के 22 निजी नशामुक्ति केंद्रों से जुड़े कथित चिकित्सकीय दवाओं के दुरुपयोग और अवैध वित्तीय लेनदेन शामिल हैं। ईडी ने डॉ. बंसल से जुड़े नशा मुक्ति केंद्रों पर 18 जुलाई को छापेमारी की थी। ये केंद्र चंडीगढ़, लुधियाना, बरनाला और मुंबई में चार जगहों पर चल रहे थे।
ईडी के रडार पर क्या-क्या? … ईडी सूत्रों के अनुसार अब एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि केवल पंजीकृत नशेड़ियों के लिए बनाई गई दवाओं को कैसे अवैध रूप से बेचा और डायवर्ट किया गया। एजेंसी खोजबीन कर रही है कि क्या इनकी बिक्री से रकम को कैसे सफेद किया गया। ईडी सूत्रों ने बताया कि चंडीगढ़ स्थित चिकित्सक डॉ. बंसल पर ओपिओइड की लत के इलाज के लिए निर्धारित ब्यूप्रेनॉर्फिन और नालोक्सोन के एक विनियमित संयोजन, एडनॉक-एन का दुरुपयोग करके इसे गैर-पंजीकृत नशा करने वालों को बेचने का आरोप लगाया गया था। ईडी अधिकारी ने बताया कि हालांकि डॉ. बंसल फिलहाल जमानत पर हैं, लेकिन पंजाब में उनके सभी 22 और चंडीगढ़ में एक केंद्र बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 18 जुलाई को ईडी की छापेमारी के दौरान उनके चंडीगढ़ केंद्र को भी सील कर दिया गया था।
हजारों गोलियां मिली गायब : ईडी सूत्रों के अनुसार डॉ. बंसल के केंद्रों से हजारों गोलियां गायब पाई गईं। निरीक्षण के दौरान, डॉ. बंसल ने कथित तौर पर दावा किया था कि अप्रयुक्त दवाइयां उन दवा कंपनियों को वापस कर दी गई हैं जिनसे उन्हें खरीदा गया था। ईडी सूत्रों के अनुसार यह दावा अब जांच के दायरे में है। डॉ. बंसल फिलहाल बेल पर हैं। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि डॉ. बंसल ने विभागीय कर्मचारियों और कुछ अधिकारियों की मदद से इस गड़बड़ी को छिपाने की कोशिश की। यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि जांच आगे बढ़ने पर और गिफ्तारियां हो सकती हैं।