मंत्रियों को कल भी शपथ दिलाई जा सकती है और कुछ दिन बाद भी दिलाई जा सकती : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

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शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो दिन बाद दिल्ली से शिमला पहुंचने पर कहा कि मंत्रियों की सूची कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल को सौंप दी है‌। अब हाईकमान मंत्री तय करेगा। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को कल भी शपथ दिलाई जा सकती है और कुछ दिन बाद भी दिलाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें हाईकमान से चिट्‌ठी मिलेगी, उसके बाद ही कैबिनेट विस्तार होगा। इससे प्रदेश में अभी भी कैबिनेट विस्तार पर सस्पेंस बरकरार है। कैबिनेट विस्तार में देरी से विपक्ष निरंतर सरकार पर हमलावर है। विपक्ष के लिए इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भी बड़ा मुद्दा बनाने का प्रयास किया है क्योंकि प्रदेश में चुनावी नतीजे आने के एक माह बाद भी कैबिनेट बैठक नहीं हो पाई। इससे जनता से किए वह वादे पूरा नहीं हो पा रहे, जो कांग्रेस ने चुनाव के दौरान किए थे।
पहली बार हुआ नई सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल के गठन में इतनी देर : यह पहली बार हुआ है, जब नई सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल के गठन में इतनी देर हुई हो। मंत्रिमंडल के गठन में हो रही देरी कहीं न कहीं सरकार और संगठन के बीच चली आ रही खींचतान ही है।
मंत्रियों का चयन नहीं कर पाने के कारण हो रही देरी : मंत्रियों का चयन नहीं कर पाने के कारण मंत्रिमंडल के गठन में इतनी देरी हुई है। मंत्रियों के चयन को लेकर प्रदेश के सबसे बड़े कांगड़ा और शिमला जिले में पेंच फंसा हुआ है। मंत्रिमंडल की दौड़ में 15 विधायक शामिल हैं, जबकि 10 विधायक मंत्री बनाए जाने हैं। जानकारी के अनुसार, 10 में से भी 2 या 3 सीटों को खाली रखा जाएगा। पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी मंत्रियों के 2 पदों को खाली रखा गया था, जिन्हें 3 साल बाद भरा गया था। मंत्री पद के लिए विक्रमादित्य सिंह , चंद्र कुमार, सुधीर शर्मा, जगत सिंह नेगी, सुंदर सिंह ठाकुर, राजेश धर्मानीऔर हर्षवर्धन सिंह लिए नाम तय माने जा रहे, मुख्यमंत्री द्वारा औपचारिक घोषणा होना बाकी है। शिमला में मोहनलाल बराक्टा और अनिरुद्ध सिंह के नाम पर पेंच फंसा हुआ है। कांगड़ा से संजय रतन और पालमपुर से आशीष बुटेल का नाम चर्चा में हैं। धर्मपुर सीट से पहली बार जीत कर आए चंद्रशेखर को भी सरकार कोई अहम पद सौंप सकती है। सोलन से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्नल धनीराम शांडिल, संजय अवस्थी और रामकुमार नपर पेंच फंसा हुआ है।
मंत्रियों के लिए यह नाम लगभग तय

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