देर रात तक कोई भी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा
गढ़शंकर। गांव महिंदवाणी में कल देर शाम ओवरलोडिड टिप्परों व पराली से लदी ट्रेक्टर ट्रालियों के कारण चारो और जाम लगा दिया। जिसके चलते गांव वासियों गांव क्रॉस करने में भी करीब तीस मिनट लग रहे थे। पहले भी गांव में ओवरलोड टिप्परों के कारण अक्सर जाम लगने के कारण लोगो को भारी परेशानी हो रही है। लेकिन जाम और ओवरलोड टिप्परों से हो रही परेशानी का समाधान तो दूर की बात है पुलिस व प्रशासन तो लोगों की सुनने को भी तैयार नहीं है।
गांव महिंदवाणी में से हिमाचल प्रदेश से माइनिंग मटीरियल लेकर आ रहे ओवरलोडिड टिप्परों ने लोगों का जीना हराम कर रखा है। कल तो हालत इतने खराब थे कि हिमाचल बॉर्डर तो लेकर गांव महिंदवाणी में पूरी तरह ओवरलोडिड टिप्परों के भारी संख्या में आने से चरों और जाम लग गया। जिसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सहमना करना पड़ा और लोग घरों में रहने को मजबूर हो गए। देर शाम तक कोई भी प्रशासनिक ो पुलिस अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा और देर रात जाकर जाम खुला। गांव के पूर्व पांच गुरदीप सिंह के बताया कि गांव में स्कूटी पर भी करीव दो सौ मीटर जाने के लिए भी तीस मिनट का समय लग रहा था। गांव के लोग जरुरी काम करने के लिए भी घरों से बाहर निकल नहीं पा रहे थे और घरों में मजबूर थे।
बतां दे कि गांव महिंदवाणी में से रोजाना सैकड़ों ओवरलोडिड टिप्पर और पराली से लदी ट्रेक्टर ट्रालियां के गुजरने के कारण लोगों का जीना मुहाल कर हो चूका है। दर्जनों बार गांव वासी प्रदर्शन कर चुके है लेकिन प्रशासन व पुलिस अधिकारी इस ध्यान नहीं दे रहे और यह ओवरलोडिड टिप्पर और पराली से लदी ट्रेक्टर ट्रालियां के गुजरने का सिलसला जारी है। कल लगे जाम की तरह सप्ताह दो से तीन बार जाम लगता है और लोगों को घरों में बैठने को मजबूर होना पड़ता है। महिंदवाणी गुज्जरां के पूर्व सरपंच सुभाष किसाना , पंचायत समिति सदस्य मोहन लाल बीनेवाल , सरवन किसाना , कमल कटारिया पूर्व सरपंच कुलभूषण कुमार , दविंदर सिंह , नम्बरदार दिलबाग सिंह ने कहा कि रोजाना सैकड़ों ओवरलोडिड टिप्पर और पराली से लदी ट्रेक्टर ट्रालियां के गुजरने से गांव वासियों को भारी परेशानी हो रही है। प्रशासन कोरोजाना सैकड़ों ओवरलोडिड टिप्पर और पराली से लदी ट्रेक्टर ट्रालियां को लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए गांव से गुजरना बंद करवाना चाहिए अन्यथा गांव वासियों को बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
