महिला की मौत के 18 साल बाद : सुप्रीम कोर्ट ने डाक्टर को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश

by

मामला पित्ते की पत्थरी के उपचार दौरान महिला की मौत का
पटियाला : पित्ते की पत्थरी को निकालने के बाद महिला की मौत के 18 साल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने पटियाला के एक डाक्टर को ‘मैडिकल लापरवाही’ का दोषी ठहराते हुए परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने पटियाला में प्रीत सर्जिकल सैंटर तथा मैटर्नटी अस्पताल चलाने वाले लेप्रोस्कोपिक सर्जन डा. गुरमीत सिंह को मुआवजा देने का आदेश दिया है।
हालांकि अदालत ने डा. अतुल मिश्रा, प्रोफैसर सर्जरी विभाग, दयानंद मैडिकल कालेज तथा अस्पताल (डीएमसीएच) लुधियाना को किसी भी डाक्टरी लापरवाही के लिए दोषी नहीं पाया, जहां मरीज की हालत बिगडऩे के बाद उसे इलाज के लिए ले जाया गया।
दरअसल, सेवा कालोनी पटियाला के निवासी हरनेक सिंह ने बताया था कि उसकी पत्नी मनजीत कौर (47) के पेट में दर्द था तथा उसके पित्ते में पत्थरी होने का पता लगा था। 13 जुलाई 2004 को, उसने डा. गुरमीत सिंह के साथ संपर्क किया तथा आप्रेशन करवाने का फैसला किया। हरनेक सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि 28 जुलाई 2004 को डा. गुरमीत सिंह ने लेप्रोस्कोपिक कोलेसिसटैकटोमी की तथा मरीज के पेट में एक ट्यूब डाली। 29 जुलाई 2009 को मरीज ने पेट में दर्द होने तथा तनाव की शिकायत की। जब इस संबंधी डाक्टर को सूचित किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसा होता है। पर अगले दिन मरीज की हालत नाजुक हो गई।
मृतका के पति ने शिकायत में बताया कि डा. गुरमीत सिंह ने उन्हें भरोसा दिलाया तथा मरीज को आक्सीजन देना शुरु कर दिया। जबकि मरीज को राजेन्द्रा अस्पताल पटियाला रैफर करने की बात को यह कह कर खारिज किया गया कि मरीज सुरक्षित हाथों में है। फिर उस शाम को डा. गुरमीत सिंह ने उन्हें बताया कि समस्या का कारण गंभीर पैनक्रेटाइटिस था तथा सर्जरी में कुछ भी गलत नहीं था।
शिकायत के अनुसार 30 जुलाई 2004 को रात 9 बजे के करीब डा. गुरमीत ने मरीज को डीएमसीएच लुधियाना में ट्रांसफर करने तथा मरीज को डा. अतुल मिश्रा के पास रैफर करने का फैसला किया।, परंतु डा. गुरमीत सिंह ने मरीज का रिकार्ड तथा आप्रेशन नोट ले लिए। उन्हें देने से इनकार कर दिया। डीएमसीएच के डाक्टरों को स्थिति के बारे में अच्छी तरह समझाया गया था। डीएमसीएच के मूल्यांकन के मुताबिक, पिछली सर्जरी के दौरान पित नली तथा संभावित तौर पर आंतड़ी को भी आईट्रोजनिक चोट का शक था। 2 अगगस्त 2004 को मरीज की हालत नाजुक हो गई तथा 11 अगस्त 2004 को उसकी मौत हो गई।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
पंजाब

खालसा कालज में नशे के खिलाफ छात्रों ने ‘आखिर कब तक’ नाटक का किया मंचन

गढ़शंकर, 26 फ़रवरी  : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधन में चल रहे बब्बर अकाली मेमोरियल खालसा कॉलेज गढ़शंकर के आईक्यूएसी सेल और एनएसएस विभाग ने विद्यार्थियों को नशे के प्रति जागरूक करने के...
article-image
पंजाब

दोआबा साहित्य सभा द्वारा एस.अशोक भौरा से रू-ब-रू समागम आयोजित

गढ़शंकर  : दोआबा साहित्य सभा गढ़शंकर द्वारा सभा अध्यक्ष प्रो. संधू वरिआणवी की अध्यक्षता में साहित्यकार एस. अशोक भौरा से रू-ब-रू समागम आयोजित किया गया। स्थानीय स्वर्गीय मेजर सिंह मौजी यादगारी लाइब्रेरी में आयोजित...
article-image
पंजाब

सिंघु बॉर्डर पर चल रही कार सेवा में पहुंचे सांसद तिवारी किसानों के संघर्ष के प्रति केंद्र सरकार के रवैये की निंदा की

नवांशहर/रूपनगर: श्री आनंदपुर साहिब से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी केंद्रीय कृषि कानूनों के विरुद्ध किसान आंदोलन के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पर किला आनंदगढ़ साहिब, श्री आनंदपुर साहिब वालों द्वारा चलाई...
article-image
पंजाब

पंजाब अध्यक्ष हरपुरा ने जिला मोहाली का सुखदेव सिंह कंसाला को अध्यक्ष किया नियुक्त

आल इंडिया जाट महासभा, पंजाब ने कुराली में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र सरकार का पुतला फूंका कुराली : आल इंडिया जाट महासभा, पंजाब दुारा कुराली में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र...
Translate »
error: Content is protected !!