बस्ती(उतर प्रदेश) : बस्ती जिले के कोतवाली क्षेत्र में पुलिस ने सदर तहसील में तैनात दुष्कर्म एवं हत्या के प्रयास के आरोपी नायब तहसीलदार को रोडवेज के समीप से गिरफ्तार कर लिया है। अपर पुलिस अधीक्षक दीपेन्द्रनाथ चौधरी ने सोमवार को बताया कि कोतवाली थाने मे सदर तहसील मे तैनात एक महिला नायब तहसीलदार ने 17 नवम्बर को तहरीर देकर नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला के विरूद्व आईपीसी की धारा 323,452, 504,354,307,376,511 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस निरन्तर प्रयास कर रही थी।
सोमवार को कोतवाली थाने की पुलिस ने रोडवेज बस अड्डे के समीप से घनश्याम शुक्ला को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया था। बता दें कि घटना बीते 12 नवंबर की रात का है, जब नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला अपनी सहकर्मी महिला मजिस्ट्रेट के घर में आधी रात को घुस गए थे।
इसके बाद पीड़िता ने कोतवाली पुलिस को बीते 15 नवंबर को तहरीर देकर अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया। कोतवाली पुलिस ने 17 नवंबर की पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया पीड़िता ने तहरीर में आरोप लगाया था कि घनश्याम शुक्ला रात में 1 बजे घर के पीछे के दरवाजे को तोड़कर घर में घुस गए।
प्रशासनिक अधिकारियों ने की घनश्याम शुक्ला को बचाने की कोशिश : महिला नायब तहसीलदार से उनके सरकारी आवास में घुसकर रेप और हत्या की कोशिश के मामले में डीएम के नेतृत्व में बनी विशाखा कमेटी की रिपोर्ट को एसपी ने सिरे से खारिज कर दिया था। रिपोर्ट के अनुसार आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को क्लीन चिट देने की कोशिश की गई थी और पीड़ित महिला नायब तहसीलदार को बदचलन तक घोषित कर दिया गया था।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पीड़ित लेडी अफसर ने मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव गृह तक अपनी बात पहुंचा कर न्याय की गुहार लगाई थी। जिसके बाद शासन ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए बस्ती जिला प्रशासन को कड़ी कार्यवाही का निर्देश दिया था। पिछले 10 दिन से आरोपी मजिस्ट्रेट घनश्याम शुक्ला पर 25 हजार का इनाम तक घोषित किया गया था, साथ ही पुलिस की 6 टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए बस्ती से दिल्ली तक खाक छान रही थी।