गढ़शंकर, 25 मार्च : कर्मचारी नेता सुखदेव डानसीवाल, करनैल सिंह माहिलपुर व सुषमा पलड़ी के नेतृत्व में मानदेय कर्मियों व कर्मचारियों का एक समूह डीएमएफ के बैनर तले बजट सत्र के दौरान अपनी जायज व जायज मांगों को लेकर मुलाजिम व पेंशनर्स संयुक्त फ्रंट द्वारा की जा रही रैली व विधानसभा के घेराव के लिए गढ़शंकर व माहिलपुर से रवाना हुआ।
इस दौरान डीएमएफ नेता हंसराज गढ़शंकर, अजय कुमार, सतपाल कलेर, सतनाम सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार ने अभी तक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया तथा छठे वेतन आयोग का बचा हुआ दूसरा भाग ठंडे बस्ते में पड़ा है। जबकि केंद्र सरकार ने आठवां वेतन आयोग स्थापित कर दिया है। डीटीएफ नेता गुरप्रीत सिंह व जरनैल सिंह, अमरजीत बांगर, गुरमेल सिंह, मनदीप सिंह, इंद्रजीत कौर, उर्मला देवी, ऊषा, जसविंदर कौर, मोनिका, ऊषा रानी, हरजीत कौर, सुरजीत कौर ने कहा कि सरकार मिड-डे मील वर्करों, आशा वर्करों व फैसिलिटेटरों तथा आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों का मानदेय दोगुना करने के वादे से भाग गई है। पंजाब सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने के वायदे से भाग गई है तथा अब केंद्र सरकार के साथ मिलीभुगत कर रही है। कैजुअल कर्मचारियों को पक्का करने की बजाय उनके वेतन में मामूली वृद्धि करके उनके साथ धोखा किया है। किसी भी स्थायी कर्मचारी को कोई लाभ नहीं दिया गया है। ग्रामीण भत्ता व सीमा क्षेत्र भत्ता समेत बाकी भत्ते फ्रीज कर दिए गए हैं। वेतन आयोग का 5 साल 6 महीने का बकाया एकमुश्त देने की बजाय 42 व 36 महीने में देने की खोखली नीति अपनाई जा रही है। केंद्र से 13 प्रतिशत कम महंगाई भत्ता देकर इसे अलग किया जा रहा है और दूसरी ओर आईएएस अफसरों को दिया जा रहा है, कर्मचारियों व पेंशनरों के महंगाई भत्ते की किश्तों का बकाया नहीं दिया जा रहा , 01.01.2016 को वेतन व पेंशन तय करते समय जो 125% महंगाई भत्ता बनता था, उसे आधार नहीं माना जा रहा है, कर्मचारियों को मिलने वाले ग्रामीण भत्ते सहित सभी भत्ते संशोधन के नाम पर रोके जा रहे हैं, प्रोबेशन काल के नाम पर तीन साल तक मूल वेतन देकर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है, 17 जुलाई 2020 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों पर जबरन केंद्रीय वेतनमान थोपा गया है तथा विकास के नाम पर कर्मचारियों व अब पेंशनरों से भी 200 रुपये टैक्स के रूप में वसूले जा रहे हैं।