एएम नाथ। शिमला : चिट्टे की तस्करी करने वाले युवा अपने साथ ही परिजनों की मुश्किलें भी बढ़ा रहे हैं और उन्हें पुलिस जांच का सामना करना पड़ रहा है। चिट्टा तस्करी से जुड़े मामलों की छानबीन में सामने आया है कि चिट्टे की अवैध तस्करी में संलिप्त युवा लेनदेन के लिए अपने माता और पिता के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वजह से इनके परिजनों को भी पुलिस थानों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
अंतरराज्यीय चिट्टा तस्कर संदीप शाह गिरोह की जांच में पुलिस ने जब वित्तीय जांच और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के आधार जांच को आगे बढ़ाया तो उन्हें कई ऐसे बैंक खातों के बारे में जानकारी मिली है, जिनका इस्तेमाल नशे की खरीद-फरोख्त में हुआ था। इस आधार पर पुलिस ने हाल ही में कई लोगों को पूछताछ के लिए सदर थाने में तलब किया। इसमें कई महिलाएं और अन्य लोग शामिल हैं।
पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने नशे के लेनदेन के बारे में अनभिज्ञता जताई। पुलिस को भी पूछताछ के दौरान इस बात का आभास हुआ कि इन लोगों की नशा तस्करी से किसी प्रकार की संलिप्तता नहीं होनी चाहिए लेकिन संदीप शाह से जुड़े बैंक खातों में लेनदेन की बात सामने आ रही थी। कई बैंक खातों में यह रकम हजारों और लाखों में थी। इसके बाद जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि किसी का बेटा अपने पिता के बैंक खाते से नशे की खरीद फरोख्त करता था तो किसी ने अपनी मां, भाई और बहन के खातों का इस्तेमाल किया था।
पुलिस को जांच में छह आरोपियों के बारे में जानकारी मिली है जो चिट्टे की तस्करी के लिए परिजनों के खातों का इस्तेमाल किया था। पुलिस को जांच में छह आरोपियों के बारे में जानकारी मिली है जो चिट्टे की तस्करी के लिए परिजनों के खातों का इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस ने संदीप शाह चिट्टा तस्कर गिरोह के मामले में अभी तक 33 लोगों की गिरफ्तारी की है। इसमें सरगना समेत उसके साथी और जिले में नशे की पैडलिंग करने वाले आरोपी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक मामले में 400 से अधिक लोगों के नशा तस्करी से जुड़े होने के पुख्ता सुबूत मिले हैं।