मुक्तसर और फरीदकोट में धरना देने पहुंचे सैकड़ों किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया, मोगा में झड़प

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मोगा : शंभू और खनौरी बॉर्डर से हटाए गए किसानों के विरोध वीरवार को मुक्तसर में कई किसान सड़कों पर उतर आए। यहां किसान सड़कों पर धरना देकर रोष जताने पहुंचे थे। हालांकि पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची।
वीरवार को मुक्तसर के बठिंडा रोड पर सरकार के खिलाफ रोष धरना देने की तैयारी कर रहे किसानों को मुक्तसर पुलिस ने हिरासत में ले लिया लिया। सुबह करीब 11 बजे किसान नेता बठिंडा रोड पर धरना देने के लिए पहुंचे थे और वहां पर धरना देने की तैयारियां शुरू कर दी। जैसे ही पुलिस को इसका पता लगा तो पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर किसानों को तुरंत डिटेन कर लिया। पुलिस किसानों को पुलिस की गाड़ी में बिठाकर अपने साथ ले गई।

मौके पर मौजूद प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए कहा कि वह तो शांत तरीके से प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन राज्य सरकार पुलिस प्रशासन की मदद से उन्हें हिरासत में लेकर उनके संघर्ष को दबाना चाह रही है। पिछले दिनों भी चंडीगढ़ जा रहे किसानों को हिरासत में लेकर संघर्ष को दबाने की कोशिश की गई थी। आज फिर एक बार पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर संघर्ष को दबाने की कोशिश ही है।

बता दें कि वीरवार को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से राज्य भर में सरकार के खिलाफ डिप्टी कमिश्नर दफ्तरों के समक्ष धरना देने का एलान किया था। इससे पहले वे बठिंडा रोड पर बाइपास पर पुलिस लाइन से पहले जैसे ही धरना लगाने की तैयारी कर रहे थे वैसे ही पुलिस ने उन्हें डिटेन कर लिया और धरना नहीं लगाने दिया।

मोगा में भी किसानों और पुलिस के बीच झड़प
मोगा में किसान डीसी दफ्तर का घेराव करने जा रहे किसानों की पुलिस के साथ धक्का मुक्की हो गई। मोगा किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से मोगा डीसी दफ्तर घेराव करने जाते समय मोगा के गांव तलवंडी भगरिया में पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस की गाड़ी को धक्का देकर साइड कर दिया और डीसी दफ्तर की लिए रवाना हो गए। पुलिस किसानों को रोकने में नाकाम रही।
फरीदकोट में धरना देने पहुंचे 200 किसानों को हिरासत में लिया
फरीदकोट में जिला पुलिस ने अमृतसर-बठिंडा नेशनल हाइवे पर धरना देने पहुंचे लगभग 200 किसानों को हिरासत में ले लिया। किसान गांव पक्का के पास हाइवे जाम करने की योजना बना रहे थे। किसानों का यह प्रदर्शन खनौरी और शंभू बॉर्डर पर हुई कार्रवाई के विरोध में था। वहां एक दिन पहले किसानों को हटाया गया था और किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।
प्रदर्शनकारी किसानों ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि राज्य सरकार केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रही है। किसानों ने कहा कि 13 महीने से चल रहे उनके मोर्चे को जबरन समाप्त करवाया गया है। किसानों ने सरकार पर दोहरी नीति का आरोप लगाया। उनका कहना है कि एक तरफ सरकार ने बातचीत का नाटक किया और दूसरी तरफ साजिश रची।

डीएसपी त्रिलोचन सिंह ने बताया कि पुलिस ने किसानों को पहले ही चेतावनी दे दी थी कि हाईवे जाम नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

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