रोहित भदसाली। शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला में 9 करोड़ रुपये की लागत से बने ब्लॉक-सी भवन का लोकार्पण किया। इसके बाद वह महाविद्यालय के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह 2023-24 में शामिल हुए और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया, जिसके लिए मुख्यमंत्री ने दो लाख रुपये देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आरकेएमवी की सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लासरूम बनाने और नया छात्रावास बनाने के लिए पूर्ण धनराशि उपलब्ध करवाने की घोषणा की। उन्होंने महाविद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने और साइंस ब्लॉक के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की।
वर्तमान राज्य सरकार ने सी-ब्लॉक के निर्माण के लिए छः करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध करवाई है। प्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव ला रही है, ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार हो तथा इसमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘हमारा उद्देश्य नए स्कूल और महाविद्यालय खोलना नहीं है, बल्कि अध्यापकों की समुचित तैनाती और अन्य सुविधाएं जुटाना आवश्यक है। यह चिंता का विषय है कि हम गुणात्मक शिक्षा में देशभर में 21वें स्थान पर पहुंच गए हैं।
हमने फैसला किया है कि शैक्षणिक सत्र के बीच अध्यापकों का स्थानांतरण नहीं होगा और हमें भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप नीतियां बनानी होंगी।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गांव में भी बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के प्रयास कर रही है तथा सभी विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए वर्तमान सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। लड़कियों की शादी योग्य आयु 18 से बढ़ाकर 21 की गई है। लैंगिक असमानता को दूर करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश सरकार ने 51 वर्ष पुराने ‘हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा अधिनियम-1972 में संशोधन किया है।
नए कानून में पैतृक संपत्ति में वयस्क बेटी को 150 बीघा भूमि की एक अलग इकाई रखने का अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस की भर्ती में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
अपने छात्र जीवन के दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 वर्ष की आयु में मैंने अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ा। उस समय राजकीय स्नातक महाविद्यालय संजौली और आरकेएमवी से बहुत से छात्र मेरिट लिस्ट में होते थे। आज कई साथियों को अध्यापक और अन्य पदों पर देखकर मुझे खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि आरकेएमवी महाविद्यालय का अपना इतिहास रहा है। हिमाचल की पहली इंडियन फॉरेन सर्विस अधिकारी विजया ठाकुर और आईपीएस अधिकारी तिलोतमा वर्मा ने आरकेएमवी महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की थी।
उन्होंने कहा ‘‘आज की चुनौतियां बहुत अलग है, जबकि हमारे समय में चुनौतियां अलग तरह की थीं। आज की चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं को दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देना होगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है तथा विधवाओं के 23 हजार बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा डॉ. वाई एस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के अंतर्गत गरीब विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज की दर पर 20 लाख रुपये का ऋण उच्च शिक्षा के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने युवाओं के नशे से बचाने के लिए राज्य में व्यापक अभियान आरम्भ किया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के अन्तर्गत कोटला-बड़ोग में राज्य स्तरीय नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित करने जा रही है। यह केंद्र मादक पदार्थों की आदत से जूझ रहे लोगों को बाहर निकालकर समाज की मुख्य धारा में शामिल करने में सहायक साबित होगा।
जिला सोलन के कंडाघाट में नौ हजार दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किया जा रहा है। इससे पहले, महाविद्यालय की प्रधानाचार्य अनुरीता सक्सेना ने मुख्यमंत्री का कार्यक्रम में पधारने पर स्वागत किया और महाविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, महापौर शिमला सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, ईएनसी एनपी सिंह, निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।