एएम नाथ। चम्बा : दुनिया के पहले MLA जिनके हाथ में लोग अपनी मेडिकल पर्ची थमाकर कहते हैं दवाई लिख दो सर। कई बार हद तब हो जाती है जब MLA साहब कोट पेंट टाई और सर पर साफा पहने किसी शादी समारोह में पहुंचते हैं तो कई बीमार चल रहे लोग उन्हें घेर कर अपनी मेडिकल प्रॉब्लम ओर दुखड़े सुनाना शुरू कर देते हैं और MLA साहब बिना लाग लपेट के शादी समारोह के किसी कोने में उनका चेक अप शुरू कर देते हैं। शादी का पंडाल किसी क्लीनिक में कब तब्दील हो जाता है शादी वालों को पता भी नहीं चलता। एक बार एक बच्ची का चेकअप करना था और शादी वाली जगह Stethoscope नहीं था उन्होंने उस बच्ची की पीठ पर कान लगाकर उसकी बीमारी पकड़ ली। लोग उनकी गाड़ी रुकवा के चेकअप करा लेते हैं। आप हैं भरमौर के MLA, चलता फिरता क्लिनिक ओर विश्व विख्यात न्यूरो सर्जन डॉ. जनक जो प्रदेश के सबसे बड़े हॉस्पिटल IGMC शिमला के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट रह चुके हैं और आने वाले कल के हेल्थ मिनिस्टर। टांडा मेडिकल कॉलेज में अपनी नियुक्ति के दौरान उनके सामने क्रिटिकल हेड इंजरी के सो केस आए तो समझो उन्होंने उसमें से 95 इंजर्ड बचा लिए। टांडा में उनकी तूती बोलती थी। इतने जबरदस्त स्कोर के साथ वो शिमला ट्रांसफर हुए और देखते ही देखते वो प्रदेश के सबसे बड़े हॉस्पिटल के बॉस बन गए। फिर समाजसेवा का ऐसा चस्का चढ़ा कि भरमौर से विधानसभा का चुनाव जीतकर MLA हो गए। राजनीति में आने के बावजूद उनका देसी स्टाइल नहीं गया। डाक्टरी कहीं भी शुरू कर देते हैं।कहीं एक्सीडेंट हो गया तो वहां पहुंचकर खुद ही फर्स्ट एड दे देते हैं। लोगों का बस चले तो उन्हें विधानसभा से हटाकर हॉस्पिटल में बिठा दें। एक बार डॉ. साहब सेक्टरेट आ रहे थे। रस्ते में एक व्यक्ति बेहोश पड़ा था। डॉ साहब ने गाड़ी रुकवाई नीचे उतरे। उस व्यक्ति को फर्स्ट एड दी ओर मीटिंग अटेंड किए बगैर उस व्यक्ति को अपनी गाड़ी में डालकर हॉस्पिटल ले गए और उसकी जान बच गई। प्रदेश के होनहार हीरे, देश के हीरो ओर जन जन के जनक को जय हिंद।