किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं. आमरण अनशन के 29वें दिन डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन के मंच पर आए।
उन्होंने कहा कि वो बिल्कुल ठीक हैं. मोर्चा अपनी विजय हासिल करेगा. मोर्चे में जो लोग सहयोग कर रहे हैं, उनका वो शुक्रिया अदा करते हैं. सबको एकजुट होकर किसानों के हित में लड़ाई लड़नी पड़ेगी, तभी जीत मिलेगी. हमें सरकार उठा ना पाई तो हम जीतेंगे ही या फिर मरेंगे।
डल्लेवाल ने कहा, पिछली बार 2021 में कुछ दूसरे राज्यों ने नाराजगी जताई थी कि पंजाब द्वारा आंदोलन को बीच में छोड़ा जा रहा है लेकिन अब हमने आंदोलन को पूरा करने का मन बना लिया है. आपका बड़ा भाई (पंजाब) मैदान में उतर आया है. अब छोटे भाई यानि दूसरे राज्यों की जिम्मेदारी बनती है कि वो इस लड़ाई को मजबूती से लड़ें. मैं ये चाहता हूं कि सरकार किसी भी कीमत पर हमें यहां से उठा ना पाए और यही मैं आप सब से उम्मीद करता हूं।
हमें सरकार उठा ना पाई तो हम जीतेंगे ही या फिर मरेंगे : उन्होंने कहा कि हमें सरकार उठा ना पाई तो हम जीतेंगे ही या फिर मरेंगे. एक तो काम हम करेंगे ही दोस्तों. इतना ही कहते हुए मैं आप सबका धन्यवाद करता हूं और अगर आपको मेरी बात अच्छे से समझ ना आई हो तो मैं अपने साथियों को बोलूंगा कि आपको मेरी बात अच्छे से समझा दें. वाहेगुरु जी का खालसा……वाहेगुरु जी की फतेह.
क्या बोले सीएम भगवंत मान : केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर हैं. अनशन के 27वें दिन डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई थी. इस मामले को लेकर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार को जिद छोड़नी चाहिए और किसानों से बातचीत का रास्ता खोलना चाहिए.
सीएम ने आगे कहा, अगर प्रधानमंत्री मोदी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवा सकते हैं तो क्या दिल्ली से महज 200 किलोमीटर दूर बैठे किसानों से बात नहीं कर सकते? आप किस समय का इंतजार कर रहे हैं? इससे पहले19 दिसंबर को भी सीएम ने सरकार से आंदोलनकारी किसानों से बातचीत करने की अपील की थी।