चंडीगढ़ । लोकसभा चुनाव को लेकर बठिंडा की मोड़ मंडी में आम आम आदमी पार्टी द्वारा की गई रैली पर आप सरकार ने चार करोड़ 16 लाख रुपये खर्च किए थे। इसका खुलासा आरटीआई में हुआ है। उक्त रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल हुए थे।
बठिंडा निवासी राजन ने यह आरटीआई में सूचना प्राप्त की। जिसमें मौड़ मंडी रैली के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल एवं भगवंत मान के लिए एक वीवीआईपी शौचालय बनाया गया, जिस पर तीन लाख रुपये खर्च आया। इसके अलावा मीडिया एवं वीवीआईपी को खाना खिलाया गया था, उस पर 16 लाख रुपये खर्च हुए।
आरटीआई से सूचना लेने वाले राजन ने मीडिया को बताया कि इतना ही एक दिन का इंटरनेट चलाने के लिए भी सरकार ने तीन लाख रुपये से अधिक रुपये खर्च कर डाले। पंजाब के सभी जिलों से रैली में शामिल सरकारी एवं प्राइवेट बसों पर भी आप सरकार ने लाखों रुपये खर्च किए हैं, जिसका कोई तुक नहीं बनता था।
वीवीआईपी को नॉन वेज : आरटीआई के तहत सूचना मांगने वाले राजन ने बताया कि आरटीआई का जो उनको जवाब मिला है, उसमें बताया गया कि वीवीआईपी के लिए पूरी तरह से नॉन वेज खाने का प्रबंध किया गया था। वीवीआईपी के खाने के लिए 16 लाख रुपये खर्च किए गए। वहीं आप कार्यकर्ताओं को 25 लाख रुपये में सादा खाना खिलाया गया और पानी पिलाया गया।
23 एकड़ फसल हैलीपेड के लिए तबाह : राजन ने मीडिया को बताया कि आरटीआई की सूचना में बताया गया कि हैलीपेड एवं पार्किंग व्यवस्था के लिए 23 एकड़ जगह को जिला प्रशासन ने कवर किया था। इस जमीन में खड़ी पूरी फसल को तबाह कर दिया गया था। इसके बाद जमीन मालिक को पांच लाख रुपये मुआवजा राशि जारी कर दी गई। राजन ने सवाल उठाया कि कूदरती आफत से बर्बाद हुई फसल के पीड़ित किसानों को अभी तक पूरी तरह से मुआवजा नहीं मिला है, लेकिन मुख्यमंत्री मान ने अपनी रैली और केजरीवाल को खुश करने के लिए चार करोड़ 16 लाख रुपये तक खर्च कर दिए गए।
राजन ने कहा कि दिल्ली एवं पंजाब में सत्ता हासिल करने के लिए केजरीवाल और भगवंत मान ने शहीद भगत सिंह के नाम का उपयोग किया। सत्ता में आने पहले केजरीवाल और भगवंत मान अपने आप को आम घरों के बच्चे बताते थे, लेकिन जैसे ही दोनों मुख्यमंत्री बने तो पिछले वीवीआईपी को भी पीछे छोड़ते हुए बड़े वीवीआईपी बन गए।
राजन ने आरोप लगाया कि केजरीवाल और भगवंत मान दोनों ही स्टेज से लोगों के सामने इमोशनल बातें करके उनका वोट प्राप्त करने के बाद सरकार बनते ही उन्हीं वोटरों को भूल जाते हैं। पंजाब की तरह अब हरियाणा में भगवंत मान केजरीवाल की पत्नी पर खूब खर्च कर रहे हैं। इससे पंजाब और कर्ज में डूबता जा रहा है।