गढ़शंकर। इस संसार में जो भी व्यक्ति जन्म लेता है, उसने एक न एक दिन इस फानी संसार को छोड़ कर चले जाना होता है। कुछ शख्सियतें ऐसी होती हैं, जो थोड़े समय में ही अपने विलक्षण योगदान की बदौलत लोगों के मनों पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं।
ऐसे ही इंसान थे स्वर्गीय मास्टर सुभाष धीमान। उनका जन्म 3 मार्च 1964 को क्षेत्र के गांव बीणेवाल तहसील गढ़शंकर (होशियारपुर) में पिता चूहड़ा राम तथा माता सत्या देवी के घर हुआ।
मैट्रिक करने के उपरांत आर्ट एंड क्राफ्ट का डिप्लोमा करके वह रोजी-रोटी की खातिर दिल्ली चले गए। वहां पर उन्होंने कार्पेंटर का कार्य करने के साथ-साथ आर्कीटेक्ट का डिल्पोमा प्रथम श्रेणी में पास किया। जिस उपरांत नक्शा नवीसी को व्यवसाय के रुप में अपना लिया। बड़े भाई तिलक धीमान की प्रेरणा से 20 दिसम्बर 1996 को उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग पंजाब में बतौर आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर सरकारी हाई स्कूल गुरु बिशनपुरी भवानीपुर में ज्वाइन किया। 31 मार्च 2022 को सरकारी मिडल स्कूल नैणवां से सेवानिवृत हुए। बीत तथा आसपास के इलाकों की कोठियां व इमारतें आज भी उनकी नक्शा नवीसी की गवाही भरती हैं।
समाजसेवा की गुढ़ती उन्हें पिता चूहड़ा राम तथा बड़े भाई तिलक धीमान से मिली जो लंबा समय श्रमिक वर्ग के साथ संघर्षों का हिस्सा बने रहे। उन्होंने अपनी पारिवारिक परंपराओं को अंतिम सांस तक निभाया तथा लोगों के साथ जुड़े रहे। इसके अलावा मुलाजिम संगठन पंजाब सबोर्डिनेट सर्विसिस फेडरेशन तथा गवर्नमेंट अध्यापक यूनियन के साथ जुड़े रहे। अभी उनकी सेवानिवृति को चार महीने भी पूरे नहीं हुए थे कि 29 व 30 जुलाई की मध्य रात्रि को उनका आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन से उनके परिवार व लोगों को गहरा आघात पहुंचा है। मास्टर सुभाष धीमान निमित्त श्रद्धांजलि समारोह 6 अगस्त 2022 शनिवार को श्री विश्वकर्मा मंदिर अड्डा झूंगियां (बीणेवाल) तहसील गढ़शंकर में आयोजित होगा।
यादों में समाए रहेंगे मास्टर सुभाष धीमान : श्रद्धांजलि समारोह पर विशेष
Aug 04, 2022