चंडीगढ़ : महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी को पद से हटाने के मामले में बुधवार को मान सरकार ने यू-टर्न लेते हुए सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है। पंजाब सरकार में उनको दी गई एक्सटेंशन को नियमों के खिलाफ बताते हुए एक्सटेंशन रद्द करने का आदेश दिया था। पंजाब सरकार ने उनकी सेवाओं को आगे जारी रखने का निर्णय लिया है।
मनीषा गुलाटी हाईकोर्ट पहुंचीं गईं थी : पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने पद से हटाने के पंजाब सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। मनीषा गुलाटी ने सीनियर एडवोकेट चेतन मित्तल के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मार्च 2018 में उन्हें पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था और बाद में उन्हें 18 मार्च 2024 तक एक्सटेंशन दे दी गई थी।
20 फरवरी, 2022 को वह भी भाजपा में शामिल हो गई थीं। हालांकि वह अपने पद पर बनी हुई थीं। विभाग की ओर से मनीषा गुलाटी को जारी आदेश में कहा गया था कि पंजाब राज्य महिला आयोग अधिनियम 2001 में मौजूदा अध्यक्ष या आयोग के सदस्यों के सेवा विस्तार के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। चेयरपर्सन व सदस्यों का कार्यकाल तीन साल के लिए ही होता है। नियम के तहत जब भी चेयरपर्सन और सदस्यों के पदों को भरना होता है तो इसके लिए अखबारों में विज्ञापन देना होता है। इतने महत्वपूर्ण पद पर कोई भी व्यक्ति उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त नहीं किया जा सकता है। याची ने कहा कि उसे तय प्रक्रिया के तहत नियुक्त किया गया था और इसी के तहत उसे यह एक्सटेंशन दी गई थी। याची ने बताया कि पंजाब सरकार ने पिछले महीने 31 जनवरी को यह कहते हुए उनकी एक्सटेंशन के आदेश रद्द कर दिया कि उन्हें एक्ट का उल्लंघन कर एक्सटेंशन दी गई थी। याचिका पर लंबी बहस के बाद हाईकोर्ट ने जब मामले में पंजाब के सरकारी वकील से जवाब मांगा तो उनकी तरफ से कहा गया कि उन्हें इस पर सरकार के निर्देश लिए जाने के लिए कुछ समय दिया जाए। हाईकोर्ट ने उन्हें एक दिन का समय देते हुए सुनवाई बुधवार तक स्थगित कर दिया था।
यू-टर्न मान सरकार का : महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी को पद से हटाने के मामले में फैसला लिया वापस
Feb 15, 2023