एएम नाथ। बिलासपुर : राजकीय हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, बंदला के प्रिंसिपल हिमांशु मोंगा पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगने के बाद क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। कॉलेज की एक छात्रा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद पुलिस ने गुरुवार देर रात मोंगा को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना ने न केवल कॉलेज परिसर, बल्कि समूचे जिले में सनसनी फैला दी है।
आरोप है कि प्रिंसिपल मोंगा ने अस्पताल में भर्ती एक छात्रा के साथ आपत्तिजनक हरकत की। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में उन्हें कथित रूप से कंबल के नीचे हाथ डालकर छात्रा से अश्लील हरकतें करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के सामने आने के बाद कॉलेज में तनावपूर्ण माहौल बन गया और छात्र-छात्राओं में भारी रोष फैल गया।
गुरुवार देर रात गुस्साए छात्रों ने कॉलेज के गेट पर प्रदर्शन किया और हिमांशु मोंगा का पुतला फूंका। छात्रों ने नारेबाजी करते हुए कॉलेज प्रशासन व पुलिस से प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालते हुए पीड़िता की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि प्रिंसिपल अक्सर उन्हें अश्लील मैसेज भेजते थे और फोन कॉल के माध्यम से परेशान करते थे। जब वे इसका विरोध करती थीं, तो उन्हें धमकाया जाता था।
यह भी सामने आया है कि हिमांशु मोंगा जब मंडी जिले के सुंदरनगर इंजीनियरिंग कॉलेज में पदस्थ थे, तब भी उन पर इसी तरह के आरोप लगे थे।
उस समय एक छात्र ने भी उनके खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन कथित रूप से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इस पूरे घटनाक्रम पर हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक और निंदनीय है।
उन्होंने जानकारी दी कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर कॉलेज की यौन उत्पीड़न रोधी समिति (Sexual Harassment Committee) को मामले की जांच सौंपी गई है और दो दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर शैक्षणिक संस्थानों में यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं और प्रशासनिक लापरवाही की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
छात्र संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस मुद्दे को लेकर मुखर हो गए हैं और राज्य सरकार से मांग की है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाए।