रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अटल सुरंग पर वेबिनार का उद्घाटन करते हुए कहा कि ऐसी महान संरचनाओं के निर्माण के लिए राष्ट्रीय गौरव की भावना सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण है

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दिल्ली:  सीमा सड़क संगठन ने आज (11 जनवरी) आईआईटी, एनआईटी और अन्य तकनीकी संस्थानों के लाभ के लिए अटल सुरंग से प्राप्त अनुभवों के प्रसार के लिए अटल सुरंग पर एक वेबिनार का आयोजन किया।

पूरे दिन चलने वाले इस वेबिनार का उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 के प्रतिबंधों के दौरान अनेक तकनीकी चुनौतियों के बावजूद इंजीनियरिंग के इस चमत्कार के निर्माण के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के इंजीनियरों की सराहना की। उन्होंने सेरी नाले के फाल्‍ट जोन का उदाहरण दिया, जिसने विदेशों के बड़े इंजीनियरों के सामने भी गंभीर चुनौती पेश की थी, लेकिन हमारे इंजीनियरों ने सेरी नाले की चुनौती से निपटने में सफलता प्राप्‍त की। उन्‍होंने कहा कि अटल सुरंग जैसी महान संरचना के निर्माण के लिए, न केवल ईंट और मोर्टार बल्कि राष्ट्रीय गौरव की भावना भी सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। रक्षा मंत्री ने भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के अतीत की कई उपलब्धियों का स्‍मरण करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा विभिन्न क्षेत्रों में अपना कौशल दर्शाया है।

कोविड-19 के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के बारे में आत्‍मनिर्भर भारत अभियान का जिक्र करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर आदि का न केवल अपनी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, बल्कि दूसरे देशों में भी इसकी आपूर्ति करने के लिए अपने संसाधनों को तेजी से जुटाने में भी सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है और बीआरओ ने अपना लगभग 67 प्रतिशत कार्यबल उत्तरी सीमा पर तैनात किया है। वर्ष 2020 के दौरान बीआरओ के प्रयासों और उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद बीआरओ के बजट में कोई कटौती नहीं की गई थी।

रक्षा मंत्री ने 3000 मीटर से भी अधिक ऊँचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग (9.020 किलोमीटर) के निर्माण के दौरान हुए अनुभवों और चुनौतियों को सूचीबद्ध करने वाला सार-संग्रह दस्तावेज़ भी जारी किया।

3 अक्टूबर 2020 को अटल सुरंग, रोहतांग का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने यह सुझाव दिया था कि इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों और पेशेवरों के लाभ के लिए इस तरह के सार-संग्रह को प्रस्‍तुत किया जाना चाहिए।

इस वेबिनार से सुरंग निर्माण में भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी संकाय सदस्यों और इच्छुक छात्रों, विशेष रूप से अंतिम वर्ष के छात्रों का ज्ञान बढा़ने में मदद मिलेगी। इस वेबिनार में 1,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और महानिदेशक बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी भी उद्घाटन सत्र में शामिल हुए।

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