शिमला :दूरदराज के क्षेत्रों के स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति को लेकर स्थाई नीति ना होने से अध्यापक वहां जाने से कतराते हैं। जिस वजह से स्कूलों में स्टाफ की भारी कमी चल रही है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों के स्कूलों में स्टाफ के 30% पद खाली है। जो चिंता का बड़ा कारण है। हिमाचल के दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों में स्टाफ की भर्ती के लिए सरकार जल्द स्थाई नीति बनाएगी। इस नीति के तहत दूरदराज के क्षेत्रों के स्कूलों में जाने वाले अध्यापकों को निश्चित समय अवधि के बाद ट्रांसफर की सुविधा मिलेगी। सरकार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस का ड्राफ्ट रूल तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने माना कि प्रदेश में मौजूदा समय में स्कूलों में विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के 12000 पद खाली चल रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में तो स्थिति सामान्य है लेकिन ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में अध्यापकों के खाली पद चिंता का विषय है। रोहित ठाकुर ने कहा कि इन रिक्त पदों को सरकार युक्तिकरण तरीके से भरेगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि TGT और JBT के 6 हजार नियुक्तियों का मामला कोर्ट में लंबित है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले पर जल्द कोई फैसला लेगी। रिक्त पदों को भरने का मामला कैबिनेट के समक्ष रखेंगे। स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने का मामला विभाग ने वित्त विभाग को भेज दिया है। वित्त विभाग से मंजूरी मिलते ही इसे मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार शिक्षा की गुणवत्ता के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी। आने वाले समय में जल्द स्कूलों को स्टॉप उपलब्ध करवाया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को जॉब बेस शिक्षा दी जाए, सरकार इसको बढ़ावा देगी, साथ ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए जो भी कड़े कदम उठाने होंगे सरकार उठाएगी।
दूरदराज के क्षेत्रों के स्कूलों में स्टाफ के 30% पद खाली है, जो चिंता का बड़ा कारण : शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर
Jan 24, 2023