नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक वे सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं सकेंगे। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक सस्पेंड करने का फैसला लिया गया है। उधर, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह अगले सत्र में भी सस्पेंड रहेंगे। राज्यसभा में ध्वनिमत से यह फैसला लिया।
राघव चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सेवा बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने वाले प्रस्ताव में फर्जीवाड़ा किया। उन्होंने इस प्रस्ताव में सस्मित पात्रा, नरहरि अमीन, थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी व नगालैंड के राज्यसभा सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम शामिल किया जबकि इनमें से कुछ सांसदों से उन्होंने सहमति नहीं ली। बीजेपी के कुछ सांसदों ने कहा कि उनकी सहमति या हस्ताक्षर लिए बिना राघव चड्ढा ने यह प्रस्ताव भेजा।
राघव चड्ढा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है और कहना है कि उनके खिलाफ फर्जी प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा है। राघव चड्ढा ने भाजपा को चुनौती देते हुए उनके कथित फर्जी हस्ताक्षर वाले दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग की। आप सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
आम आदमी पार्टी के अन्य सांसद संजय सिंह पहले ही राज्यसभा से निलंबित चल रहे हैं। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें पूरे सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया था। दरअसल मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री मोदी के संसद में बयान देने की मांग को लेकर विपक्ष ने मानसून सत्र के दौरान जमकर हंगामा किया। इसी मुद्दे पर आप सांसद संजय सिंह हंगामे करते हुए सभापति की कुर्सी तक आ गए। सभापति ने जब उन्हें वापस जाने को कहा तो वह नहीं माने। सदन में अमर्यादित व्यवहार के चलते केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संजय सिंह के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जो ध्वनिमत से पास हो गया।